Table of Contents
- चंद्रशेखर का जीवन परिचय
- चन्द्र शेखर की सिंह शिक्षा (Early Life and Education of Chandra Shekhar)
- राजनैतिक जीवन (Political Entry and Early Career)
- इमरजेंसी का विरोध
- नेतृत्व क्षमता
- भारत यात्रा - जनता से सीधा संपर्क
- प्रधान मंत्रित्व कार्यकाल (As the Prime Minister of India)
- प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्य
- व्यक्तित्व
- मृत्यु
- निष्कर्ष
स्वतंत्र भारत में ऐसे नेताओं की भरमार रही है जो अपने सिद्धान्तों पर किसी भी परिस्थित में अड़िग रहते हैं। देश सेवा को वे सर्वोपरि रखते हैं। चन्द्रशेखर भी उन्ही में से एक नेता रहे है। अपनी सीबी एवं सपार बात रखने के कारण ही उनको युवा तुर्क नेता कहा जाता है।
चंद्रशेखर का जीवन परिचय
चन्द्रशेखर का जन्म बलिया के इब्राहिमपट्टी गाँव में हुआ था जो कि उत्तर प्रदेश में स्थित है। वे Socialism, equality, और freedom के कट्टर समर्थक थे।
चन्द्र शेखर की सिंह शिक्षा (Early Life and Education of Chandra Shekhar)
चन्द्र शेखर सिंह ने प्रारम्भिक शिक्षा गाँव से ही हासिल की। इसके बाद स्नातकोत्तर की शिक्षा उन्होंने इलाहबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान से की। शिक्षा ग्रहण करते समय ही उनके अन्दर राजनीति के बीज अंकुरित होने लगे थे।
राजनैतिक जीवन (Political Entry and Early Career)
अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने समाजवादी पार्टी से शुरु की थी। 1950 - और 60 के दशक में उन्होने भ्रस्टाचार, inequality और राजनैतिक opportunism के खिलाफ आवाज मुखर की। 1971 में वे पहली बार राज्य सभा के लिये निर्वाचित किये गये। उन्हें युवा तुर्क नेता (Young Turk of Indian Politics) यों ही नही कहा जाता वे अपनी ही पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने से नही चूकते थे।
इमरजेंसी का विरोध
श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने 1975 में लगाये आपातकाल के विरोध में उन्होंने मुखर होकर विरोध किया। जिसके फलस्वरूप उन्हें जेल यात्रा करनी पड़ी। जेल में ही उन्होने " Diary a prisoner "नाम से पुस्तक लिखी जो कि आपात काल की सही तस्वीर पेश करती थी। जनता पार्टी के निर्माण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
नेतृत्व क्षमता
सन् 1977 में जब जनता पार्टी स्थापित हुई तो उन्होंने इसमें अहम भूमिका निभाई। वे जय प्रकाश नारायण के विचारो के समर्थक थे। उनकी सादगी, ईमानदारी और समर्पण ने उन्हें "जनता का नेता" बना दिया।
भारत यात्रा - जनता से सीधा संपर्क
1983 में चन्द्र शेखर ने कन्याकुमारी से दिल्ली तक भारत यात्रा (Bharat Yatra) शुरू की। इस पद यात्रा से उन्हें जनता से सीधा संवाद करने, उनकी परेशानियों को जानने का मौका मिला। इस यात्रा ने उन्हें "The Walking Prime minister " की उपाधि दिलाई।
प्रधान मंत्रित्व कार्यकाल (As the Prime Minister of India)
चन्द्र शेखर देश के आठवे प्रधान मंत्री बने। हालांकि उनका कार्यकाल अल्प अविधि का रहा। उन्होने मात्र माह ही प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया था। किन्तु उन्होंने अपने क्रिया कलाप से सादगी और नैतिकता का उदाहरण पेश किया।
प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्य
* गाँवों में विकास और रोजगार
* सरकारी खर्चा में कटौती
* India First की नीति
* Economie discipline and Foreign policy independenee पर जोर
व्यक्तित्व
उनका मानना था कि - "राजनीति में अगर नैतिकता खत्म हो जाय, तो सत्ता अर्थहीन हो जाती है।"
मृत्यु
चन्द्रशेखर सिंह का निधन 8 जुलाई 2007 को नई दिल्ली में हुआ था। वे आज भी युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत है।
निष्कर्ष
चन्द्रशेखर एक सच्चे, ईमानदार और जुझारू लीडर थे। आपनी बात वे वेबाक रखने में माहिर थे। उनका नाम इतिहास हमेशा आदर के साथ लिया जायेगा। - एक सच्चे नेता, ईमानदार, स्वच्छ छवि राजनेता के रूप में वे हमेशा याद किये जायेंगे।