भारत ने पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकियों को मुहतोड़ जबाव दिया है। भारत ने आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर पहलगाम हमले की पीड़ित महिलाओं के सिंदूर का बदला लिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में की गई एयरस्ट्राइक के बाद विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री, आर्मी अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी और नेवी अफसर विंग कमांडर व्योमिका ने विस्तार से ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान ने व्यवस्थित रूप से आतंकी ढांचे का निर्माण किया है। यह आतंकवादी शिविरों और लॉन्चपैड्स के लिए पनाहगाह रहा है।
भारत ने उत्तर में सवाई नाला और दक्षिण में बहावलपुर में स्थित प्रसिद्ध आतंकी कैंपों पर एक्शन लिया और किसी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया।
ऑपरेशन सिंदूर 6-7 रात 1.05 से 1.30 बजे के बीच हुआ। यह 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के शिकार मासूम नागरिकों एवं उनके परिवारों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया था।
यह पहलगाम हमले के बाद का जवाब था। इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इन लक्ष्यों का चयन विश्वनीय सूचनाओं के आधार पर किया गया।
यह तय किया गया है कि इसमें निर्दोष लोगों की जान ना जाए।
सैयदना बिलाल कैंप मुजफ्फराबाद- पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में सबसे पहले हमला सवाई नाला कैंप मुजफ्फराबाद में किया गया जो लश्कर का ट्रेनिंग का सेंटर था सवाईनाला कैंप पहला टारगेट है।
ये लश्कर तैय्यबा का गढ़ था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं प्रशिक्षण लिया था।
मुजफ्फराबाद के ही सैयदना बिलाल कैंप में आतंकियों को हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।
जाफराबाद, गुरपुर का कोटली कैंप जैश का सेंटर है। यर कैंप एलओसी से 30 किलोमीटर दूर था जहां के आतंकवादी राजौरी और पुंछ में सक्रिय थे। वहीं बरनाला कैंप भिंभर एलओसी से 9 किमी दूर है।
गुरपुर के कोटली कैंप एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है जहां लश्कर का कैंप था। यहां पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आतंकी ट्रेंड हुए थे।
मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने जो चार पुलिस कर्मियों की हत्या की थी वो यहीं से आए थे।
भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए हालिया हवाई हमलों के दौरान पहला निशाना सियालकोट स्थित सरजल कैंप को बनाया गया।
मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर के पुलिस जवानों की हत्या में शामिल आतंकी इसी कैंप से प्रशिक्षण लेकर भेजे गए थे।
सरजल के पास ही महमूना जाया नामक स्थान पर हिजबुल मुजाहिदीन का एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र मौजूद था। 2016 में हुए पठानकोट एयरबेस हमले की साजिश भी इसी महमूना कैंप में रची गई थी।
मरकज-ए-तैयबा, मुरीदके (पंजाब प्रांत) और मरकज सुहानअल्ला में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया। यह जैश का आतंकी ठिकाना है, जो कई एकड़ में फैला है, यह इंटरनेशनल बॉर्डर से 100 किलोमीटर दूर है।
यह जैश का मुख्यालय था जहां आतंकियों की ट्रेनिंग, रिक्रूटिंग और इन डॉक्टरेशन का केंद्र था। शीर्ष आतंकी अक्सर यहां आते थे। किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।
अभी तक किसी भी तरह के नागरिक नुकसान की खबर नहीं है।
विदेश सचिव ने कहा कि '22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे बड़ा हमला था।
पहलगाम का हमला सबसे भयानक हमला था, जिसमें आतंकियों ने सिर पर गोली मारी और बोला गया की वापस जाकर सरकार को बताओ क्या हुआ कश्मीर में।
इसके जरिए सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश भी की गई। जानकारी के लिए बतादें, कि जिस TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली वह इस लश्कर ए तैयबा का एक विंग है।