तिरंगा हमारी जान और शान है। हमारा तिरंगा हमारा गौरव है और हमारे देश की एकता और संप्रभुता का एक गहरा प्रतीक है।
भारतीय अपने ध्वज का सम्मान और पूजा अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी की तरह करते हैं, जो सभी भारतीयों के लिए इस ध्वज के महत्व को दर्शाता है।
राष्ट्रीय उत्सव के हर अवसर पर, भारतीय ध्वज ही वह होता है जो उत्साह और एकता का केंद्र बना रहता है।
तिरंगे की मौजूदगी ही हर भारतीय का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए काफी होती है। इस गणतंत्र दिवस पर, आइए जानते हैं हमारे भारतीय ध्वज के बारे में सब कुछ और इससे जुड़े किसी भी सवाल के बारे में।
इस लेख में, आप तिरंगे के इतिहास, भारतीय ध्वज की भौतिक विशेषताओं और भारतीय ध्वज से जुड़े नियमों के बारे में जानेंगे।
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भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को तीन भागों में बाँटा गया है
इसमें उल्लेख है कि तिरंगे का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा ध्वज का उपयोग उत्सव के रूप में या किसी भी प्रकार की सजावट के प्रयोजनों के लिये नहीं किया जाना चाहिये।
आधिकारिक प्रदर्शन के लिये केवल भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप चिह्न वाले झंडे का उपयोग किया जा सकता है।
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यह राष्ट्रीय ध्वज, सरकारी विभाग द्वारा उपयोग किये जाने वाले चिह्न, राष्ट्रपति या राज्यपाल की आधिकारिक मुहर, महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री के चित्रमय निरूपण तथा अशोक चक्र के उपयोग को प्रतिबंधित करता है।
संविधान का भाग IV-A (जिसमें केवल एक अनुच्छेद 51-A शामिल है) ग्यारह मौलिक कर्तव्यों को निर्दिष्ट करता है। अनुच्छेद 51 A (a) के अनुसार, भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों एवं संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज तथा राष्ट्रगान का सम्मान करे।
यह राष्ट्रीय ध्वज, संविधान, राष्ट्रगान और भारतीय मानचित्र सहित देश के सभी राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान को प्रतिबंधित करता है।
यदि कोई व्यक्ति अधिनियम के तहत निम्नलिखित अपराधों में दोषी ठहराया जाता है, तो वह 6 वर्ष की अवधि के लिये संसद एवं राज्य विधानमंडल के चुनाव लड़ने हेतु अयोग्य हो जाता है।
1. राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना।
2. भारत के संविधान का अपमान करना।
3. राष्ट्रगान के गायन को रोकना।
वर्तमान में कुछ समय पहले भारत सरकार ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय ध्वज ‘‘जहाँ ध्वज खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’’
सरकार ने इससे पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर के झंडे के उपयोग की अनुमति देने के लिये ध्वज संहिता में संशोधन किया था।
सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान शुरू करने के साथ ही गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन किया है ताकि रात में भी राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जा सके।
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'हर घर तिरंगा' आज़ादी का अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में लोगों को तिरंगा घर लाने और भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष पर इसे फहराने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु एक अभियान है।
ध्वज के साथ हमारा संबंध हमेशा व्यक्तिगत से अधिक औपचारिक और संस्थागत रहा है।
स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को सामूहिक रूप से घर पर फहराना न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना है, बल्कि यह राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन जाता है।
इस पहल का उद्देश्य लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।