नारायण दत्त तिवारी (Narayan Dutt Tiwari) भारतीय राजनीति में अपनी दूरदार्शता, प्रशासनिक क्षमता और जन कल्याणकारी नीतियों के लिये सदैव स्मरणीय हैं। वे उत्तर प्रदेश के मुख्य - मंत्री रहे और बाद में उत्तराखण्ड के राज्य पाल (Governor of Uttarakhand) बने । जन - मानस में वे एन.डी. तिवारी (N.D. Tiwari) के नाम से जाने जाते थे। 

नारायण दत्त तिवारी का जीवन परिचय

एन.डी. तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में हुआ था। बाल्यकाल से ही उनमें नेतृत्व करने की झलक साफ दिखायी पड़ती थी। 

नारायण दत्त तिवारी की शिक्षा

तिवारी जी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा मिर्जापुर और इलाहबाद (Allahabad University) से पायी थी। उसके बाद इलाहबाद जो अब प्रयागराज है, से इलाहबाद विश्वविद्यालय से आर्टस में स्नातक और लॉ (कानून) में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्रात की थी।

स्वतंत्रता संग्राम

तिवारी जी स्वतन्त्रता संग्राम के अंतिम चरण में एक युवा चेहरा थे। परन्तु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) से जुड़कर उन्होने राजनीति में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उनका मानना था -" राजनीति केवल सत्ता का साधन नही, बल्कि समाज के उत्थान का माध्यम है।"

राजनीतिक जीवन (Political Career)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता के बाद राजनीति में वे प्रभावशाली लीडर रहे। वे कई बार राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य बने। प्रदेश के मुख्य मंत्री बने अन्त में उत्तराखण्ड के राज्य पाल भी रहे। उनका मानना था- "सत्ता का असली मूल्य जनता की भलाई में निहित है।"

मुख्यमंत्री (Chief Minister of Uttar Pradesh)

तिवारी जी उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्य मंत्री रहे। उनका कार्यकाल 1976 से 1977, 1984 से 1985 और 1988 से 1989 का रहा था।

उपलब्धियाँ 

* ग्रामीण विकास और कृषि (Rural & Agricultural Development) के अन्तर्गत सिंचाई और कृषि तकनीकी में सुधार और किसान कल्याण योजनाएँ लागू की।

* शिक्षा और स्वास्थ्य (Education & Health) के अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्र और अस्पतालों का विकास और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज का विस्तार किया।

* अधिकार और सामाजिक न्याय (Rights & Social Justice) क्षेत्र के अन्तर्गत महिला सशक्तीकरण की पहल और पिछडे वर्ग एवं दलितों के लिये भलाई के कार्य किये।

राष्ट्रीय भूमिका

केन्द्रीय मंत्री के रूप में तिवारी जी के फाइनेन्स, एक्सटरनल अफेयरस और commerce जैसे मंत्रालयों में कार्य कर चुके हैं। इसके अन्तर्गत उन्होंने ग्रामीण और कृषि नीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया। आर्थिक सुधार और राष्ट्रीय योजनाओं पर कार्य किया। पब्लिक वेलफेयर, सोशल सिक्योरिटी और ऐजूकेशन प्रोग्रामों को बढ़ावा दिया।

व्यक्तित्व

तिवारी जी, ईमानदारी, पारदर्शिता और जनता के प्रति संवेदनशीलता में विश्वास रखते थे। प्रशासनिक क्षमता और दूरदर्शिता का समावेश रखते थे।

विचारधारा

तिवारी जी का मुख्य फोकस रुरल डवलपमेंट, फार्मर वेलफेयर, एजूकेशन रिफोर्मस (Rural Development, Farmer Welfare, Education Reforms) और गुड गवर्नेन्स (Good Governance) पर रहा। उनकी विचारधरा के प्रमुख बिन्दु रहे

* डेमोक्रेटिक सिद्धान्त

* सामाजिक न्याय

* आर्थिक सुधार

* पारदर्शिता

निधन

तिवारी जी का निधन 18 अक्टूबर 2018 को हुआ था। देश ने एक दूरदर्शी, नीति निर्माता जनता के प्रति समर्पित और सादगी प्रिय नेता को खोया था। 

निष्कर्ष

एन. डी. तिवारी जनता के एक लोकप्रिय नेता थे। वे एक "उत्तर प्रदेश और भारत के दूरदर्शी और सिद्धान वादी नेता थे।" उनका मानना था -"राज -नीति केवल सत्ता का खेल नही, बल्कि जनता की सेवा और समाज सुधार का माध्यम है।"