सिंधु जल समझौता क्या है और यह कब हुआ था ?

By :netahub Published on : 24-Apr-2025
सिंधु

आज से करीब 60 साल पहले 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु नदी जल बंटवारा हुआ था। इस समझौते को विश्वभर में अक्सर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की संभावनाओं के उदाहरण के रूप में पेश किया जाता है। हालांकि, यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि सिंधु जल समझौते को लेकर भारत और पाकिस्तान के संबंध कई बार खराब भी हुए हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच में क्या विवाद है ?

भारत -पाकिस्तान में 1947 में मिली आजादी के बाद से ही पानी को लेकर विवाद है। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में बहने वाली सिंधु जल प्रणाली जिसमें सिंधु, झेलम, चिनाब,रावी, ब्यास और सतलज नदियां शामिल हैं। 

पाकिस्तान का यह आरोप है, कि भारत इन नदियों पर बांध बनाकर पानी का दोहन करता है। उसके इलाके में पानी कम आने की वजह से सूखे के हालात रहते हैं।

सिंधु जल समझौता कब होगा ?

पानी को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद जब ज्यादा बढ़ गया तब 1949 में अमेरिकी विशेषज्ञ और टेनसी वैली अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख डेविड लिलियंथल ने इसे तकनीकी रूप से हल करने का सुझाव दिया।

उनके राय देने के बाद इस विवाद को हल करने के लिए सितंबर 1951 में विश्व बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष यूजीन रॉबर्ट ब्लेक ने मध्यस्थता करने की बात स्वीकार कर ली।

इसके बाद 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ।

भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने इस संधि पर दस्तखत किए थे।

12 जनवरी 1961 से संधि की शर्तें लागू कर दी गईं थीं। संधि के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ, जो भारत से पाकिस्तान जाती हैं।

पानी का बंटवारा कैसे हुआ है ?


समझौते में स्पष्ट किया गया है, कि पूर्वी क्षेत्र की तीनों नदियां- रावी, ब्यास और सतलज पर भारत का एकछत्र अधिकार है। 

वहीं, पश्चिमी क्षेत्र की नदियों- सिंधु, चिनाब और झेलम का कुछ पानी पाकिस्तान को भी देने का समझौता हुआ। भारत के पास इन नदियों के पानी से भी खेती, नौवहन और घरेलू इस्तेमाल का अधिकार है। 

साथ ही, भारत डिजाइन और ऑपरेशन की निश्चित मापदंडों के अधीन पनबिजली परियोजनाएं तैयार कर सकता है।

तीन नदियों के कुल 16.80 करोड़ एकड़ फीट पानी में से भारत के हिस्से 3.30 एकड़ पानी दिया गया है, जो कुल पानी की मात्रा का करीब-करीब 20% प्रतिशत है।

हालांकि, भारत अपने हिस्से का 93-94% प्रतिशत पानी ही इस्तेमाल करता रहा है।

निष्कर्ष -

सिंधु जल समझौता नदियों के जल के बटवारे के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक संधि है। विश्व बैंक (तत्कालीन 'पुनर्निर्माण और विकास हेतु अंतरराष्ट्रीय बैंक') ने इस संधि की मध्यस्थता की थी। सिंधु जल संधि पर कराची में 19 सितंबर, 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे।

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