मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का अहम फैसला लिया

By :netahub Published on : 30-Apr-2025
मोदी

भारत के अंदर बीते काफी समय से विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से जातीय जनगणना की मांग उठाई जाती रही है। इसको लेकर मोदी कैबिनेट ने अहम और बड़ा निर्णय लिया है। भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, जातियों की गणना आगामी जनगणना में होगी। 


जातिगत जनगणना क्या है ?


जातिगत जनगणना का मतलब है जब देश में जनगणना की जाए तो इस दौरान लोगों से उनकी जाति भी पूछी जाए। अगर हम आसान और सीधे शब्दों में समझें तो जाति के आधार पर लोगों की गणना करना ही जातीय जनगणना है। राज्य की बात करें तो बिहार में जातिगत जनगणना कराई जा चुकी है। 


सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल करें - अश्वनी वैष्णव 


अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं। जबकि कुछ राज्यों ने यह अच्छा किया है, कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।


CCPA ने लिया जाति जनगणना कराने का फैसला 


राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी यानी CCPA ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है। CCPA को 'सुपर कैबिनेट' भी कहा जाता है। इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रमुख मिनिस्टर्स शामिल होते हैं। CCPA के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जैसे मंत्री भी सीसीपीए में शामिल हैं।


प्रश्नोत्तरी 


प्रश्न: जातीय जनगणना से क्या लाभ है ?


उत्तर: जातिगत जनगणना के के माध्यम से देश में वंचित वर्गों की पहचान होगी। ये पता लगेगा कि अब तक जो प्रयास हुए हैं वो कितने प्रभावी हैं। इसके बाद कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें नीति-निर्माण का हिस्सा बनाकर मुख्य धारा में लाया जा सकेगा।


प्रश्न: आखिरी बार जातीय जनगणना कब हुई थी ?


उत्तर: साल 1931 


निष्कर्ष -


स्वतंत्रता के बाद जनगणना में जाति पूछना बंद कर दिया गया था। पिछले कुछ सालों से विपक्ष की तरफ से जाति जनगणना की मांग की जा रही थी। अब केंद्र की मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में जनगणना में जाति पूछने का एक बड़ा फैसला लिया है।  



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