भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की कहानी

By :netahub Published on : 19-Mar-2025
भारतीय

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलयम्स की सफल वापसी के बाद भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को आजकल काफी याद किया जा रहा है।

कल्पना चावला लोगों की आंखों में कल्पनाओं की एक अमिट छाप छोड़कर गई थीं। जानकारी के लिए बतादें कि 3 फरवरी 2003 को हुई अंतरिक्ष इतिहास की एक मनहूस दुर्घटना ने उन्हें और उनके दल के छह अन्य साथियों को कभी ना रुकने वाले मिशन पर भेज दिया।

कल्पना चावला के साथ ये भयावय हादसा तब हुआ जब उनका अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से महज 16 मिनट की दूरी पर था। यान की धरती से दूरी करीब दो लाख फीट और स्पीड 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की थी। 

कल्पना चावला और उनके दल का स्वागत करने के लिए भारी संख्या में लोग अमेरिका के टैक्सास शहर में बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे।

 कामयाब अंतरिक्ष मिशन से लौटने पर इनके भव्य स्वागत की तैयारियाँ की गई थीं। लेकिन, अफ़सोस हादसे की वजह से ख़ुशी का माहौल गम में तब्दील हो गया था। 

यान में ब्लास्ट से हुआ गंभीर हादसा 

कल्पना चावला के भारतीय मूल से होने की वजह से भारत और अमेरिका के साथ पूरी दुनिया ने इस मिशन पर अपनी नजरें टिका रखी थीं। लेकिन, कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। 

कुछ समय बाद एक बुरी खबर सामने आयी कि नासा का इस यान से संपर्क टूट गया है। संपर्क टूटने के बाद अचानक विमान में आग लगी और धमाके के साथ वह कई टुकड़ों में बंट गया। 

कल्पना समेत दल के सभी सदस्य इस हादसे में मारे गए। हालांकि, आज भी चावला और उनके दल के सदस्य लोगों की कल्पना में जिंदा हैं। अंतरिक्ष यान का मलबा टैक्सास के डैलस क्षेत्र में तकरीबन 160 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैल गया था। 

मिशन कमांडर रिक हसबैंड के नेतृत्व में कोलंबिया शटल यान STS-107 ने उड़ान भरी थी। टीम में एक इसराइली वैज्ञानिक आइलन रैमन भी शामिल थे। रैमन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले इजरायली थे।

 उनके अलावा इस टीम में विलियम मैकोल, लॉरेल क्लार्क, आइलन रैमन, डेविड ब्राउन और माइकल एंडरसन शामिल थे।


कल्पना चावला बनी कई लड़कियों के लिए आदर्श 

कल्पना चावला एक ऐसी लड़की थीं जिन्होंने भारत और पूरी दुनिया में लड़कियों के सपनों को पंख लगा दिए थे। उनको देखकर लोग अपनी बेटियों पर गर्व करते थे और आज भी करते हैं। 

हर लड़की की चाहत कल्पना चावला जैसा बनने की होती है। माता-पिता भी अपनी बेटियों को कल्पना चावला की तरह नाम रोशन करने को कहते हैं। 

ये भी पढ़ें: भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की लंबे समय के बाद वापसी

करनाल से अंतरिक्ष तक का सफर

कल्पना चावला के जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें निम्नलिखित हैं -

भारतीय मूल की बेटी कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। 

कल्पना चावला की शुरुआती पढ़ाई करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन में हुई थी।

कल्पना चावला ने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की।

कल्पना चावला के समय भारत अंतरिक्ष विज्ञान में काफी पीछे होने की वजह से उन्होंने नासा जाने का फैसला किया। 

कल्पना चावला साल 1982 में अमेरिका चली गईं और यहां टैक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक की पढ़ाई पूरी की। 

कल्पना चावला ने यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की। कल्पना चावला को साल 1988 में नासा ज्वाइन करने का सुनहरा अवसर मिला।

एम.टेक की पढ़ाई के दौरान ही कल्पना को जीन-पियरे हैरिसन से प्यार हो गया और दोनों ने कुछ समय बाद शादी भी कर ली। 

कल्पना चावला को 1991 में अमेरिका की नागरिकता मिलने की वजह से वह भारत की जगह अमेरिका की नागरिक बन गईं, लेकिन, भारत से उनका संबंध हमेशा बना रहा।

प्रश्नोत्तरी 

कल्पना चावला का जन्म कब और कहाँ हुआ ?

कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को हुआ था। 

कल्पना चावला की मृत्यु कब हुई ?

कल्पना चावला की मृत्यु 3 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष यान में गड़बड़ी के चलते हुए ब्लास्ट की वजह से हुई। 

निष्कर्ष - 

कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं, जो करोड़ों लड़कियों के लिए एक आदर्श बनीं। भारतीय समाज में लड़कियों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए कल्पना चावला को भारत हमेशा याद रखेगा। 

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