भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की लंबे समय के बाद वापसी

By :netahub Published on : 18-Mar-2025
भारतीय

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए धरती पर कदम रखने के लिए तैयार हैं। यह स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अनडॉक हो चुका है और बुधवार सुबह भारतीय समयानुसार 3:30 बजे लैंड होगा।

नासा की तरफ से इस मिशन का शेड्यूल सार्वजनिक किया गया है। लेकिन, मौसम की स्थिति के आधार पर इसमें परिवर्तन होना भी संभव है।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर पिछले साल जून से अंतरिक्ष में ही हैं। अब उनके साथ दो और अंतरिक्ष यात्री निक हेग और एलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी वापस लौटेंगे।

वापसी की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होगी, जिसमें सबसे पहले अंतरिक्ष यात्रियों को प्रेशर सूट पहनना होगा। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट के हैच बंद किए जाएंगे और लीकेज चेकिंग होगी।

स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग कब हुई ?

स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग मंगलवार सुबह 10:35 बजे हुई, जो पूरी तरह ऑटोमैटिक है। सबसे पहले ISS से जोड़ने वाले लॉक खोले जाएंगे और फिर थ्रस्टर की मदद से इसे अलग किया जाएगा। 

यह सुनिश्चित करने के लिए कि सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं, अनडॉकिंग से पहले लाइफ सपोर्ट, कम्युनिकेशन और थ्रस्टर सिस्टम की जांच होगी।

डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया कब शुरू होगी ?

धरती के वायुमंडल में प्रवेश से पहले डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रक्रिया बुधवार तड़के 2:41 बजे होगी, जिसमें इंजन फायर कर स्पेसक्राफ्ट की गति को नियंत्रित किया जाएगा। जब स्पेसक्राफ्ट वायुमंडल में प्रवेश करेगा, तब इसकी गति करीब 27,000 किमी/घंटा होगी।

लैंडिंग से जुड़ी जानकारी 

लैंडिंग से पहले 18,000 फीट की ऊंचाई पर दो ड्रैग पैराशूट खुलेंगे और 6,000 फीट पर मुख्य पैराशूट सक्रिय होंगे। 

नासा के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा। हालांकि, खराब मौसम की स्थिति में लैंडिंग लोकेशन में बदलाव किया जा सकता है। आप इस पूरे शेड्यूल को यहां लाइव देख सकते हैं।

भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने रचा इतिहास 

NASA के इस ऐतिहासिक मिशन में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर अच्छा-खासा उत्साह है। इससे पहले भी वह बहुत सारे अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा रह चुकी हैं।

साथ ही, स्पेस में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं। 

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सुनीता विलियम्स की वापसी के साथ एक और सफल अंतरिक्ष मिशन अपने अंतिम चरण में पहुंच जाएगा। 

इसके अलावा, इस मिशन की सफलता स्पेसएक्स और नासा के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी, जिससे भविष्य में अधिक प्रभावी और सुरक्षित अंतरिक्ष अभियानों की राह खुलेगी।

निष्कर्ष -

विगत कई महीनों से अंतरिक्ष में फंसे दो एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अब धरती पर कदम रखने वाले हैं।


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