हमारा उद्देश्य संसद चलना चाहिए - राहुल गांधी

By :Admin Published on : 11-Dec-2024
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संसद के दोनों सदनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा जारी है। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित भी हुई है।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध के बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की है। उन्होंने स्पीकर से कहा है कि मेरे खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को हटाया जाना चाहिए।

हमारा उद्देश्य सदन चलना चाहिए- राहुल गाँधी 

राहुल गांधी ने मीडिया को बताया कि मैंने स्पीकर से मुलाकात की है। मैंने उनसे कहा कि मेरे खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को हटाया जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वे इस पर गौर करेंगे।

हमारा उद्देश्य है कि सदन चलना चाहिए और सदन में चर्चा होनी चाहिए। वे मेरे बारे में चाहे जो भी कहें, हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को इस पर बहस होनी चाहिए। 

वे अदाणी पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन हम ये छोड़ेंगे नहीं। वे हम पर आरोप लगाते रहेंगे, लेकिन सदन चलना चाहिए।

ये भी पढ़ें: राज्यसभा के सभापति को पद से हटाने के लिए विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया ?

राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

बतादें, कि विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। नोटिस पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। 

इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा सांसदों के नाम हैं। नोटिस में धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है।

गौरतलब है, कि राज्यसभा के 72 साल के संसदीय इतिहास में किसी सभापति के खिलाफ पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। 

राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश और पार्टी सांसद नसीर हुसैन ने अविश्वास प्रस्ताव का यह नोटिस राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपा। 

धनखड़ को हटाने के लिए विपक्ष दलों ने संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के अंतर्गत नोटिस जारी किया है।

क्या जगदीप धनखड़ को हटा पाएगा विपक्ष ?

सर्वप्रथम विपक्ष को राज्यसभा में ही बहुमत जुटाने की आवश्यकता होगी। फिलहाल, राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 231 है। 

यानी कि बहुमत के लिए विपक्ष के पास कम से कम 116 सांसद होने ही चाहिए। जो अविश्वास प्रस्ताव आया है, उसपर महज 70 सांसदों के ही हस्ताक्षर हैं। 

विपक्ष को अब भी राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव पास करवाने के लिए कम से कम 46 सांसदों का समर्थन करना चाहिए। जो कि उसको मिलता नहीं दिख रहा है, क्योंकि बीजेपी के अपने 95 सांसद हैं। 6 नॉमिनेटेड हैं। जदयू के 4 हैं। 

बाकी एनडीए के घटक दल जैसे कि देवगौड़ा की जनता दल सेक्युलर, अजित पवार की एनसीपी, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकमोर्चा और अठावले की रिपब्लिकन पार्टी समेत दूसरे दलों को मिलाकर एनडीए के राज्यसभा सांसदों की संख्या 120 के पार है, जो बहुमत से भी अधीक है।

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