राज्यसभा के सभापति को पद से हटाने के लिए विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया ?

By :Admin Published on : 10-Dec-2024
राज्यसभा

कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया है। 

यह नोटिस राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया है। नोटिस पर करीब 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सभापति धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया है।  

कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सभापति धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया है। कांग्रेस को कई दलों का साथ भी मिला है।

कांग्रेस के साथ यह दल

कांग्रेस को आरजेडी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम), जेएमएम, आप और डीएमके का साथ मिला है। 

नोटिस पर करीब 60 विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर हैं। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।

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क्या राज्यसभा के सभापति को हटाने का कोई नियम है ?

राज्यसभा के सभापति के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। 

इसके तहत सभापति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव और लोकसभा की सहमति से हटाया जा सकता है। 

मगर 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। बतादें, कि इससे पहले अगस्त महीने में भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी। मगर बाद में किसी कारणवश इसे टाल दिया गया था।

ये नियम जरूरी हैं

  • उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने का प्रस्ताव केवल राज्यसभा में ही पेश किया जा सकता है। इसे लोकसभा में पेश नहीं कर सकते हैं। 
  • 14 दिन पहले नोटिस देने के बाद ही प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
  • प्रस्ताव को राज्य सभा में ‘प्रभावी बहुमत’ (रिक्त सीटों को छोड़कर राज्य सभा के तत्कालीन सदस्यों का बहुमत) के जरिये पारित किया जाना चाहिए, जबकि लोकसभा में इसके लिए ‘साधारण बहुमत’ से सहमति आवश्यक है। 
  • जब प्रस्ताव विचाराधीन हो तो सभापति सदन की अध्यक्षता नहीं कर सकते।

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