दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने वाली है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 11 सीटें ऐसी भी हैं, जहां भाजपा कभी नहीं जीत पाई है।
इन 11 सीटों पर जीत का खाता खोलने के लिए भाजपा ने साल 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में खास रणनीति बनाई है।
ताकि अभी तक नहीं जीत सकने वाला इतिहास बदला जा सके। इन 11 सीटों पर भाजपा बीते चुनावों में जीतते-जीतते रह गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, कहा जा रहा है कि मीटिंग में दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक साथ लड़ने की योजना पर भी चर्चा हुई है। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दलों को कुछ सीटें प्रदान कर सकती हैं।
जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी और जीतन राम मांझी को कुछ सीटें दिल्ली विधानसभा चुनाव में दी जा सकती हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ऐसा होगा, क्योंकि विगत विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 2 सीटें जेडीयू को और 1 सीट लोक जनशक्ति पार्टी को प्रदान की थी।
जेडीयू ने बुराड़ी और संगम विहार सीटों पर वहीं लोक जनशक्ति पार्टी ने सीमापुरी सीट पर चुनाव लड़ा था।
इसके अतिरिक्त इंडिया गठबंधन की ओर से देखें तो मुख्य पार्टियां (कांग्रेस और आम आदमी पार्टी) बिल्कुल भी इकट्ठी नजर नहीं आ रही हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के दरमियान काफी नाराजगी चल रही है।
कांग्रेस नेताओं की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने को AAP के नेता काफी नाराज चल रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने AAP पर अपनी योजनाओं के माध्यम से लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। आम आदमी पार्टी का यह आरोप है कि कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
नड्डा के घर पर हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जद (यू) नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ-साथ जद (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी मौजूद थे।
बैठक के मुद्दे के बारे में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। परंतु, सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में सुशासन और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई।