बलूचिस्तान की आजादी की मांग ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ चुका है। बतादें, पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने पूरी तरह नाकाम कर दिया।
लड़ाकू विमानों, ड्रोन, रॉकेट और मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान ने गुरुवार रात 8 से 10 बजे के बीच जम्मू, पठानकोट, फिरोजपुर, कपूरथला, जालंधर और जैसलमैर के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की थी।
बलूचिस्तान में एक मजबूत अलगाववादी आंदोलन है, जो पाकिस्तान से स्वतंत्रता या अधिक स्वायत्तता की मांग करता है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे समूह पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रहे हैं।
पीओके में भी अलगाववादी भावनाएं मजबूत हैं। यहां के लोग पाकिस्तान के शासन से असंतुष्ट हैं और भारत के साथ विलय की मांग करते हैं।
बलूचिस्तान और पीओके के अलावा, पाकिस्तान के अन्य प्रांतों में भी असंतोष की भावना है, जो पाकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
कई लोग मानते हैं कि भारत, बलूचिस्तान और पीओके में अलगाववादी आंदोलनों का समर्थन कर रहा है, जिससे पाकिस्तान में संकट बढ़ सकता है।
भारत ने बलूचिस्तान और पीओके में हो रहे मानव अधिकार उल्लंघनों और अलगाववादी आंदोलनों के बारे में चिंता व्यक्त की है, लेकिन उसने अभी तक किसी भी तरह का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं किया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बलोच की लेखक मीर यार बलोच ने बलूचिस्तान की आजादी का एलान कर दिया है।
बलोच की लेखक मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट कर बलूचिस्तान की आजादी का एलान किया है।
मीर यार बलोच ने आजादी का एलान करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से अपना शांति मिशन भेजने की मांग की है। मीर यार बलोच ने आजादी का एलान करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से अपना शांति मिशन भेजने की मांग की है।इसके साथ ही उन्होंने भारत से दिल्ली में बलूचिस्तान के लिए एम्बेसी की भी मांग की है।
मीर यार बलोच ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, आतंकवादी पाकिस्तान के पतन के निकट होने के कारण जल्द ही संभावित घोषणा की जानी चाहिए।
हमने अपनी आजादी का दावा किया है और हम भारत से अनुरोध करते हैं कि वह बलूचिस्तान के आधिकारिक कार्यालय और दिल्ली दूतावास की अनुमति दे।
मीर यार बलोच ने संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध करते हुए लिखा है, कि वह बलूचिस्तान के लोकतांत्रिक गणराज्य की स्वतंत्रता को मान्यता दे और मान्यता के लिए अपना समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों की बैठक बुलाए।
उन्होंने यह भी मांग की कि मुद्र और पासपोर्ट मुद्रण के लिए अरबों डॉलर की धनराशि जारी की जानी चाहिए।
मीर यार बलोच ने आगे लिखा कि हम संयुक्त राष्ट्र से आग्रह करते हैं, की वह बलूचिस्तान में अपना शांति मिशन भेजे और पाकिस्तान की कब्जे वाली सेना से बलूचिस्तान के क्षेत्रों, वायु क्षेत्रों और समुद्र को खाली करने और सभी हथियार और संपत्ति बलूचिस्तान में छोड़ने के लिए कहें।
मीर यार बलोच ने यह साफ तौर पर कहा है, कि "सेना, फ्रंटियर कोर, पुलिस, सैन्य खुफिया, ISI और नागरिक प्रशासन में सभी गैर-बलूच कर्मियों को तुरंत बलूचिस्तान छोड़ देना चाहिए।
बलूचिस्तान का नियंत्रण जल्द ही स्वतंत्र बलूचिस्तान राज्य की नई सरकार को सौंप दिया जाएगा और जल्द ही एक संक्रमणकालीन निर्णायक अंतरिम सरकार की घोषणा की जाएगी।"
बलूचिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान के वर्तमान संकट का हिस्सा बन सकते हैं। ये दोनों क्षेत्र अलगाववादी आंदोलनों के कारण अशांति का केंद्र बने हुए हैं और पाकिस्तान सरकार के लिए आंतरिक चुनौती खड़ी करते हैं।