भारतीय राजनैतिक इतिहास का एक ऐसा ब्यक्तित्व जो ठेठ गाँव से निकला हो, खेती-बाड़ी जिसका पुश्तैनी पेशा हो और जो मजदूर, किसान और खेतिहर मजदूरों के निकट से जीवन जिया हो अर्थात् किसान, मजदूर और खेतिहर मजूदूरों के अधिकारों के लिये जिसने संघर्ष किया हो, ऐसे सर्वमान्य किसान नेता थे चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय

चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का जन्म हापुड के गाँव नूरपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम चौधरी मीर सिंह था जो कि एक साधारण किसान थे। चौधरी चरण सिंह एक बहुत ही गरीब परिवार से सम्बन्ध रखते थे।

चौधरी चरण सिंह की शिक्षा

चौधरी चरण ने पारिवारिक आर्थिक परिस्थितियों से जूझते हुये भी शिक्षा के महत्व को बचपन में ही समझ लिया था। शिक्षा के लिये उन्होंने गरीबी को कभी आडे नही आने दिया। उन्होंने मेरठ कालेज से ग्रेजुएट किया और आगरा विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की।

स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ाव (Role in Freedom Struggle)

महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने असहयोग आन्दोलन  (Non-Cooperation Movement) में भाग लिया ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। फिर भी उन्होंने देश के आजाद होने तक ब्रिटिश सरकार की खिलाफत जारी रखी।

राजनैतिक जीवन (Political Career of Charan Singh)

 जब देश स्वतन्त्र हुआ तो आजाद भारत में 1937 में पहली बार हुए विधान सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों से विधायक बने। इसके बाद उत्तरप्रदेश से ही राजस्व मंत्री, गृह मंत्री और मुख्य मंत्री चुने गये। किसानों के हित में उन्होंने अनेक पदों पर रहते हुये भूमि सुधार के लिये अनेक कार्य किये।

किसानों के हित में उठाये गये कदम (Pro-Farmer Reforms)

चौधरी चरण सिंह को यों ही किसानों का मसीहा नहीं कहा जाता है। उन्होंने किसानों के हित में ठोस कदम उठाये थे।

*भूमेि सुधार कानून (Abolition of Zamindari System)

*सिंचाई और तकनीकी सुधार (Irrigation & Technology)

*कृषि ऋण व्यवस्था (Agricultural Credit System)

*कृषि मूल्य नीति (Fair Price Policy)

किसनों के मसीहा (The Messiah of Farmers)

चौधरी चरण सिंह हमेशा किसानों के हित में लड़े और कार्य भी किये। इसीलिये उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है। वे कहते थे कि - "कृषक ही भारत की रीढ़ की हड्डी है।"

प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल (Tenure as Prime Minister of India)

चौधरी चरण सिंह का प्रधान मंत्री पद का कार्यकाल बहुत ही अल्प अवधि का रहा था। फिर भी उन्होंने किसानों के हित में बहुत कार्य किये।

विचारधारा (Ideology and Vision)

वे महात्मा गाँधी के विचारों से प्रभावित थे जिसकी झलक उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तक "India's Poverty and its solution" में साफ झलकती है। कृषि और ग्रामीण परिवेश को उन्होंने प्रमुख स्थान दिया। 

उनके उद्धरण (Famous Quotes of Chaudhary Charan Singh)

* "किसान के बिना भारत की कल्पना नही की जा सकती"

* "राजनीति का उद्देश्य सत्ता नही, सेवा है।"

* "यदि गाँव मजबूत होगे तो देश अपने आप समृद्ध हो जायेगा।"

मृत्यु 

चरण सिंह की मृत्यु 29 मई 1987 को हुई थी। दिल्ली स्थित किसान घाट उनकी स्मृति में ही बनवाया गया।

विरासत 

चौ० चरण सिंह विश्वविद्यालय, लखनऊ, हवाई अड्‌डा और किसान दिवस उन्ही के नाम आधारित हैं।

निष्कर्ष

चौधरी चरण सिंह स्वयं में एक जीते जागते आंदोलन थे। चौधरी साहब "खेतों से संसद तक किसानों की आवाज पहुंचाने" के लिये हमेशा याद रखे जाएंगे।