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भारत भूमि ने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। उन्ही में से एक महापुरुष थे डॉ ए० पी० जे अब्दुल कलाम जिन्होंने अथक संघर्ष से अपने व्यक्तित्व को निखारते हुऐ बुलंदियों को छुआ। कलाम को प्यार से 'Missile Man of India' कहा जाता था। उनका जीवन बड़ा ही सरल एवं साधारण था।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन परिचय
डॉ अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam) का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप पर हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाविक थे उनकी माता का नाम अशियम्मा था। उनकी माताजी एक साधारण गृहणी थी। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही साधारण थी किन्तु घर मे संस्कार और सादगी थी।
डा० अब्दुल कलाम की शिक्षा
डा० अब्दुल कलाम को बचपन से ही शिक्षा से गहरा लगाव था। शिक्षा के लिये आर्थिक अभाव को दूर करने के लिये उन्होंने स्कूल जाने से पहले अखबार बांटने का कार्य किया। यह संघर्ष ही उन्हें मजबूत बना गया। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से Physics में ग्रेजुएट किया। उसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी' (Madras Institute of Technology) से ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Aeronautical Engineering) की डिग्री हासिल की।
भारत के मिसाइल मैन - वैज्ञानिक
डा० कलाम ने अपना कैरियर भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से शुरु किया। इसके अंतर्गत उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Satellite Launch Vehicle) (SLVIII - Project पर कार्य करते हुये 1980 में पहला उपग्रह रोहिणी सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कियाा।
डा० कलाम ने कई मिसाइलें जिनमें अग्नि, पृथ्वी, आकाश त्रिशूल और नाग (Agni, Prithvi, Akash, Trishul & Nag) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिसाइलों की सफल परियोजनाओं के कारण ही भारत विश्वस्तर पर एक सशक्त सैन्य राष्ट्र बन सका। उनकी मेहनत के कारण ही लोग उन्हें प्यार से 'मिसाइल मैन कहते है।
देश की शक्ति का प्रतीक, पोखरण परमाणु परीक्षण
प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में उनके नेतृत्व में डा0 कलाम ने भारत के दूसरे पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट (Pokhran Nuclear Test) किया। जिसके सफल होने से भारत ने पूरे विश्व को हतप्रभ कर दिया। लेकिन भारत अब एक परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बन चुका था।
राष्ट्रपति कार्यकाल
डा० अब्दुल कलाम सन् 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गये थे। उनकी सादगी, जनता से जुड़ाव बच्चों से मिलना, युवाओं को Motivate करना, स्कूलों में जाकर Class लेना, इन सब क्रिया कलापो ने उन्हें People President बना दिया।
सफल लेखक और शिक्षक
डॉ अब्दुल कलाम वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सफल लेखक और शिक्षक भी थे। उनकी लिखी गई पुस्तकें - उनकी आत्मकथा “Wings of Fire” एवं इसके अलावा my Journey India 2020, Turning Paints, Ignited Minds है।
उनके प्रेरणादायी विचार
"सपने वे नही जो आप सोते समय देखते हैं, सपने वे हैं जो आपको सोने नही देते"
"अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना होगा"
" Failure will never overtake me if my determination to succeed is strong enough"
अंतिम सांस (Legacy That Lives On)
27 जुलाई 2015 को वे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, सिलोंग (Indian Institute of Management, Shillong) में छात्रों को लेक्चर दे रहे थे, तभी अचानक उन्हें हृदयघात हुआ और उन्होंने वही अंतिम सांस ली। वे हमेशा लोगों के प्रेरणास्त्रोत रहेंगे।
निष्कर्ष
डा० कलाम ने हमें सिखाया कि कोई भी व्यक्ति ऊँचाईयों को छू सकता है। यदि उसमें सादगी, ईमानदारी, कुछ करने की ललक हो तो डा0 कलाम एक True Roll modle और Inspiration for millions (मिलियन) थे।