आखिर क्यों मोदी सरकार ने किरेन रिजीजू के स्थान पर अर्जुन राम मेघवाल को देश का कानून मंत्री बनाया

By :Admin Published on : 21-May-2023
आखिर

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में नए कानून मंत्री के तौर पर अर्जुराम मेघवाल को चुना है। राजस्थान में अनूसूचित जाति में सर्वोच्च आबादी मेघवालों की है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में अर्जुनराम मेघवाल को नया कानून मंत्री बनाया है। यह जिम्मेदारी किरण रिजीजू को हटाकर अर्जुनराम मेघवाल को दी गई है। माना जा रहा है, कि विगत कुछ दिनों में जिस प्रकार से किरण रिजीजू एवं सुप्रीम कोर्ट के मध्य कई मुद्दों पर मीडिया में बयानबाजी हुई है, उसकी एक वजह यह भी हो सकती है। साथ ही, मेघवाल पूर्व से ही संस्कृति मंत्रालय एवं संसदीय मामलों के मंत्रालय में राज्यमंत्री का जिम्मा संभाल रहे हैं। 


हालांकि, इस निर्णय के पीछे राजस्थान विधानसभा चुनाव भी हो सकता है। अर्जुन राम मेघवाल वर्ष 2009 से बीकानेर के सांसद हैं एवं आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं। बतादें, कि अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान में अनुसूचित जाति (SC) के अंतर्गत आते हैं। राजस्थान में एससी की जनसंख्या 18 प्रतिशत के करीब है। विभिन्न सीटों पर यह आबादी हार-जीत भी निर्धारित करती है। बतादें, कि राजस्थान में इस वक्त 59 जातियां एससी के दायरे में रखी गई हैं। 


आंकड़ों के मुताबिक, एससी की जनसँख्या इस वक्त किसी भी जाति के मुकाबले में सबसे अधिक है, जो कि 1.2 करोड़ के करीब है। साथ ही, यदि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में 34 पर इस जाति के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं।


बांसवाड़ा, राजसमुंद, उदयपुर और डूंगरपुर छोड़ दिया तो अन्य समस्त जनपदों में इस समुदाय के लिए एक या दो सीटें रिजर्व हैं। इनमें से गंगानगर और हनुमानगढ़ में एससी वोटरों की संख्या 26 प्रतिशत से भी अधिक है।


राजस्थान में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली जातियों में प्रमुख रूप से जींगर, मोची, धानुक, धोबी, धोली, महार, मेहरा, नट, बेडी, मोंगिया, सांसी, मेघवाल, बेरवा, रैगर, कोली, जाटव, खटिक और नैक शम्मिलित हैं। इनमें से मेघवाल सबसे ज्यादा हैं, जिनकी संख्या 5 प्रतिशत है और अन्य दूसरे स्थानों पर बेरवा और रैगरों की जनसंख्या 4-4 प्रतिशत है। अन्य जातियों की संख्या मिलाकर कुल आबादी में 5 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। 


अगर हम विधानसभा सीटों के मुताबिक देखें आबादी की तो अजमेर दक्षिण में एससी वोटरों की संख्या 33 प्रतिशत है। इसके उपरांत रामगंजमंडी में 24.56, बगरू में 23.61, हिदौंन में 29, वेर में 27.33, बयाना में 26.29 प्रतिशत के लगभग एससी आबादी है। राजस्थान की 13 विधानसभा सीटों में एससी मतदाताओं की जनसँख्या 20 से 23 प्रतिशत तक है। 


गंगानगर में सर्वाधिक जनसँख्या, मतदाता रायसिंहनगर में


राजस्थान में यह आंकड़ा जरा आश्चर्यचकित करने वाला हो सकता है। गंगानगर में एससी समुदाय की जनसँख्या सबसे अधिक है। वहीं, मतदाताओं की संख्या रायसिंहनगर में हैं। रायसिंहनगर में 1.30 लाख मतदाता हैं। इसके पश्चात अनूपगढ़ में 1.26 लाख मतदाता हैं। दोनों ही सीटें अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। सामान्य सीटों में करणपुर में एक लाख और सादुलशहर में 95 हजार मतदाता हैं। हनुमानगढ़ की पीलीबंगा विधानसभा सीट में 1.1 लाख मतदाता हैं। यह सीट भी एससी के लिए आरक्षित है।


इनके अलावा बची 30 रिजर्व सीटों में से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एससी मतदाता लगभग 50 हजार के करीब हैं। साथ ही, सामान्य सीटों में सूरतगढ़ में एससी की जनसंख्या 86 हजार, हनुमान की सांगरिया और हनुमानगढ़ विधानसभा सीट पर 85-85 हजार जनसंख्या है।


सामान्य सीटों में अनुसूचित जाति की जनसँख्या 


अगर हम बात करें राजस्थान की 52 सामान्य विधानसभा सीटों में अनूसूचित जातियों की आबादी की तो वह 50-50 हजार के करीब है। इनमें से गंगानगर में 34 फीसदी, हनुमानगढ़ में 26.13 फीसदी, करौली में 23.16 फीसदी, दौसा में 21 फीसदी से थोड़ा ज्यादा और भरतपुर में 22 फीसद के तकरीबन मतदाता हैं। 


जनजातीय क्षेत्रों में एससी मतदाताओं की आबादी


राजस्थान का डूंगरपुर क्षेत्र जनजातीय क्षेत्र में आता है। यहां पर 4.15 फीसद मतदाता हैं। इसके बाद बांसवाड़ा में 4.28 फीसदी और उदयपुर में 6.10 फीसदी के करीब है।


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