एआईएमआईएम द्वारा मुस्लिम मतदाताओं के ध्रुवीकरण पर अखिलेश यादव का चिंतित होना एक स्वाभविक बात है। बतादें, कि मुस्लिम-यादव समाजवादी पार्टी के मुख्य रूप से वोट बैंक माने जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्होंने मिशन 24 का ट्रेलर प्रस्तुत किया है।
हाल ही में आये नगर निकाय चुनावों के परिणामों के उपरांत भाजपा के अंदर खुशी का माहौल है। भाजपा ने कुल मेयर की सीटों में से 100 प्रतिशत सीटों पर फतह हांसिल की है। नगर निकाय चुनाव में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अपनी पराजय की वजह खोज रही है। अखिलेश यादव ने भाजपा पर वोट कटवा पार्टियों को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है, कि भाजपा कई जगहों पर स्वयं चुनावी रण में उतर रही है। कई जगहों पर किसी और दल को मैदान में उतार देती है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष का इशारा हम आसानी से समझ सकते हैं।
निकाय चुनाव में एआईएमआईएम के बढ़ते दायरे से अखिलेश चिंतित
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बहुत सारे जनपदों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के उभार से सपा की चिंता साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। 3 नगर पालिका अध्यक्ष और 2 नगर पंचायत प्रमुख के पद पर कब्जा जमाकर ओवैसी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा खेल किया है।
एआईएमआईएम की तरफ से निकाय चुनाव में नगर निगम पार्षद की 19, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की 3, नगर पालिका परिषद सदस्य की 33, नगर पंचायत अध्यक्ष की 2 और नगर पंचायत सदस्य की 23 सीटों पर जीत दर्ज हुई है। एआईएमआईएम के द्वारा हुए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण पर अखिलेश यादव की चिंता स्वाभाविक है। क्योंकि, मुसलमान-यादव सपा के कोर वोट बैंक माने जाते हैं।
अखिलेश यादव ने मिशन-24 को लेकर क्या कहा है
अखिलेश यादव ने यह कहा है, कि दूसरे राजनैतिक दलों को यह सोचना पड़ेगा कि किसके साथ रहने से लोकतंत्र बच सकता है और किसके साथ रहने से नहीं बचेगा। वोट प्रतिशत के हिसाब में जुटे अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के समर्थकों का मनोबल बढ़ाने वाली बात खोजने का प्रयास कर रहे हैं। उनका यह कहना है, कि बुनियादी मुद्दे अभी भी ज्यों की त्यों हैं। ऐसी स्थिति में जनता बीजेपी को सबक सिखाने से नहीं चूकेगी।
नगर निकाय चुनाव के परिणामो को आधार बनाकर मिशन 24 का ताना बाना अभी से बुनना शुरू हो गया है। अखिलेश यादव का यह दावा है, कि हार के बावजूद नगर निकाय चुनाव में सपा के वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है। उनका यह कहना है, कि कर्नाटक के चुनाव परिणामों से यह मालूम हुआ है, कि जनता लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को सबक सिखाएगी। चुनाव में धांधली के आरोपों पर भाजपा सपा को चुनौती दे रही है।