केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर लगाम लगाने की तैयारी में है। संसद में इसी हफ्ते वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश हो सकता है। ये बिल वक्फ बोर्ड के अधिकार में संशोधन से संबंधित होगा।
वर्तमान में वक्फ बोर्ड किसी भी प्रॉपर्टी पर अपना दावा प्रस्तुत कर सकता है। लेकिन, नवीन बिल में वक्फ बोर्ड के दावों का वेरिफिकेशन अवश्य होगा।
वक्फ बोर्ड में लगभग 40 संशोधन की तैयारी है। परंतु, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसका पुरजोर विरोध शुरू कर दिया है। मौलाना खालिद रशीद ने कहा है कि सरकार कोई भी कदम उठाने से पहले उनकी राय ले, वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी सरकार वक्फ को खत्म करना चाहती है।
खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण हेतु विधेयक ला सकती है। इस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'सबसे पहले, जब संसद सत्र चल रहा होता है, तो केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही होती है और मीडिया को सूचित कर रही होती है और संसद को सूचित नहीं कर रही होती है।
मैं कह सकता हूं कि इस प्रस्तावित संशोधन के बारे में मीडिया में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे पता चलता है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है। यह अपने आप में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।'
ओवैसी ने आगे कहा कि 'दूसरी बात यह है, कि भाजपा शुरू से ही इन बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है और उनका हिंदुत्व एजेंडा है।
अब अगर आप वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन करते हैं, तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म होगी और अगर सरकार का नियंत्रण वक्फ बोर्ड पर बढ़ता है, तो वक्फ की स्वतंत्रता प्रभावित होगी।
मीडिया आंकड़ों में लिखा गया है, कि यदि कोई विवादित संपत्ति है, तो ये लोग कहेंगे कि संपत्ति विवादित है, हम इसे हासिल कर लेंगे सर्वेक्षण किया गया है।
सर्वे भाजपा, मुख्यमंत्री द्वारा कराया जाएगा और आपको पता है कि इसका परिणाम क्या होगा। हमारे भारत में कई ऐसी दरगाहें हैं, जहां भाजपा-आरएसएस दावा करता है, कि वे दरगाह और मस्जिद नहीं हैं, इसलिए कार्यपालिका न्यायपालिका की शक्ति छीनने की कोशिश कर रही है।'
न्यूज एजेंसियों द्वारा सामने आई खबरें जिनमें केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक ला सकती है। इस पर भाजपा नेता मोहसिन रजा ने कहा, 'अगर यह विधेयक लाया जाता है तो हम इसका स्वागत करेंगे।
देशभर में लाखों वक्फ संपत्तियां हैं और लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है। वे (वक्फ बोर्ड) अपनी शक्तियों से परे जाकर लोगों को परेशान करते हैं। ऐसी कई संपत्तियां हैं, ऐसे कई मुद्दे हैं जो सीधे सरकार के पास आने चाहिए।'
रजा ने कहा, 'वक्फ पिछड़े मुसलमानों के उत्थान के लिए बनाया गया था और इसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ है, इसका सिर्फ दुरुपयोग हुआ है।
इसलिए यह साफ है, कि वक्फ संपत्तियों को बाहर निकालने की आवश्यकता है, जो कुछ लोगों के नियंत्रण में आ गई हैं और जो संपत्तियां अवैध रूप से बोर्ड में पंजीकृत हैं। उन्हें भी बाहर निकाला जाना चाहिए। यह जनहित का मामला है और इसे लाया जाना चाहिए।'