दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से सीएम पद से इस्तीफा देने की अप्रत्याशित घोषणा कर दी है। इसके पश्चात से दिल्ली की राजनीती का पारा काफी बढ़ गया है।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्होंने इस बात का ऐलान किया है। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे का ऐलान के बाद नए मुख्यमंत्री पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसी बीच अरविंद केजरीवाल ने इसी वर्ष अक्टूबर और नवंबर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, " वह और मनीष सिसोदिया क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, “जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं.” उन्होंने कहा कि यदि लोगों को लगता है कि वह ईमानदार हैं तो उन्हें अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें वोट देना चाहिए, अन्यथा नहीं।
सीएम अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान के पश्चात से चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है। इसी बीच माना जा रहा है, कि दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी अगली मुख्यमंत्री बन सकती हैं।
उनके अलावा सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता का भी नाम है। वहीं, सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय के नामों को लेकर भी काफी चर्चा चल रही है।
आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए आश्चर्यजनक उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय का भी हो सकता है।
क्योंकि पार्टी ने 2020 में दिल्ली दंगों के बाद से समुदाय के बीच समर्थन कम होता देखा है। ऐसी स्थिति में दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन वह भी आश्चर्यचकित करने वाला चेहरा हो सकते हैं।
शीघ्र ही हरियाणा विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल सियासी फिजा को पार्टी की तरफ मोड़ सकते हैं।
अरविंद केजरीवाल किसानों के साथ-साथ महिला पहलवान के मामले में बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। उनकी रिहाई के उपरांत से ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश हाई है। अब अरविंद केजरीवाल उनमें एक बार फिर से नई जान फूंकने का प्रयास करते हुए नजर आ सकते हैं।
बीजेपी निरंतर अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगा रही है। इसी बीच अरविंद केजरीवाल ने आपदा में अवसर ढूंढ लिया है।
उनकी इस घोषणा के उपरांत पूर्व संपादक रामकृपाल सिंह ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ईमानदारी का उदाहरण दे रहे हैं। लेकिन, जो परिस्थितियां थीं और जैसे वो रिहा हुए हैं, उन्होंने आपदा में अवसर ढूंढ लिया है।
अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं। उन्होंने अभी से चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया है। उन्हें भी पता है, कि चुनाव से पहले फैसला आने वाला नहीं है। उन्हें मालूम है कि अगर पार्टी जीत जाती है, तो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे होंगे।"
भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें उनके मंत्रिमंडल के साथ तुरंत इस्तीफा देने की चुनौती दी है। वीरेंद्र सचदेवा ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया, 'उन्हें दो दिन की क्या जरूरत है ?
वे दो दिन बाद यू-टर्न लेंगे और कहेंगे कि उनके विधायकों ने उन्हें (मुख्यमंत्री के रूप में) बने रहने के लिए कहा है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे तुरंत पूरे मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दें और जल्द चुनाव की मांग करें।'
उन्होंने कहा कि अगर नवंबर में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं तो राष्ट्रीय राजधानी के लोग केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) को करारा जवाब देंगे।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का अरविंद केजरीवाल का फैसला एक “राजनीतिक नौटंकी” है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय पहले ही उन पर प्रतिबंध लगा चुका है।
देवेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को छह महीने पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।