केंद्र सरकार सीएए को लेकर क्या और कब लेने जा रही ऐतिहासिक फैसला ?

By :Admin Published on : 03-Jan-2024
केंद्र

सीएए के कानून के अंतर्गत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी। बतादें, कि कुछ दिनों पूर्व पश्चिम बंगाल में अमित शाह ने भाजपा नेताओं की एक बैठक में कहा था कि भारत में सीएए को लागू होने से कोई भी रोक नहीं सकता है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि सीएए को लागू करना भाजपा की प्रतिबद्धता है।


अबकी बार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार' के नारे के साथ भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी के दिन होगी उसके पश्चात नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियम को अधिसूचित किया जा सकता है। इसी कड़ी में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा है, कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही सीएए के नियम को लागू किया जा सकता है। साथ ही, केंद्र सरकार सीएए के नियम को शीघ्र जारी करने जा रही है।


बतादें, कि इस वर्ष 2019 के दिसंबर माह में संसद से सीएए कानून को पारित कर दिया गया था। इस कानून को संसद से पारित किए जाने के पश्चात दिल्ली सहित बहुत सारे राज्यों में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।


हम जल्द ही सीएए के लिए नियम जारी करने की योजना बना रहे: अधिकारी


एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "हम जल्द ही सीएए के लिए नियम जारी करने की योजना बना रहे हैं। इन नियमों के जारी होने के साथ, कानून को अमल में लाया जा सकता है, जिससे पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति मिल सकेगी।" गृह मंत्रालय, सीएए नियमों को अधिसूचित करेगा।


अधिकारी ने आगे कहा,"सीएए के कार्यान्वयन में चार साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है। इस वजह से इसके संबंधित नियमों को तैयार करना बेहद जरूरी हो गया है।


जब उनसे अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनाव से पूर्व सीएए नियमों को अधिसूचित किए जाने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो अधिकारी ने कहा कि वास्तव में, उससे काफी पहले ही सीएए के नियम को लागू किया जाएगा।


आवेदकों को यात्रा दस्तावेज से जुड़ा क्या कार्य करना होगा 


अधिकारी ने आगे कहा है, कि संपूर्ण प्रक्रिया के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल पहले से ही स्थापित किया गया है, जिसे डिजिटल तोर पर संचालित किया जाएगा। आवेदकों को बगैर किसी यात्रा दस्तावेज के भारत में अपने प्रवेश के वर्ष का खुलासा करना होगा। 


आवेदक को किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सहित बहुत सारे राजनीतिक दल सीएए का विरोध कर रहे हैं।

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