मनीष सिसोदिया के जेल में रहने के दिन और बढ़ गए हैं

By :Viraj Raghav Published on : 22-Mar-2023
मनीष


शराब घोटाले के मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को कुछ दिन और जेल में रहना पड़ेगा। आबकारी नीति से जुड़े मामले में आरोपित हुए मनीष सिसोदिया जी को राउज एवेन्यु कोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 


आबकारी नीति से जुड़े मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया की दिक्कतें काफी बढ़ती जा रही हैं। ईडी द्वारा पांच दिनों की रिमांड समाप्त होने के उपरांत मनीष सिसोदिया जी को बुधवार (22 मार्च) को दिल्ली के राउज एवेन्यु कोर्ट में पेशी की गई। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस मामले में सिसोदिया से मामले से जुड़ी जानकारी व पूछताछ करने हेतु और अधिक रिमांड की मांग नहीं की गई है। इसको मद्देनजर रखते हुए कोर्ट द्वारा सिसोदिया को 5 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बात बिल्कुल सीधी है, कि मनीष सिसोदिया को आगामी कुछ दिनों के लिए जेल में ही समय व्यतीत करना पड़ेगा। 


बुधवार के दिन राउज एवेन्यु कोर्ट में मनीष सिसोदिया द्वारा जज एम. के. नागपाल से कारागार में अध्ययन हेतु कुछ अन्य किताबों की भी मांग की गई है। जिसके लिए मनीष सिसोदिया जी ने आधिकारिक तौर पर कोर्ट को एप्लीकेशन दी। इस पर कोर्ट की तरफ से बताया गया है, कि मनीष सिसोदिया जी जो किताब की मांग कर रहे हैं, वह उनको मुहैय्या करा दी जाएंगी।


कोर्ट ने थमाया ईडी को नोटिस  


बतादें कि 21 मार्च को दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत हेतु अदालत की ओर रुख किया है। इस पर अदालत द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उसका रुख जानना चाहा। विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने ईडी को नोटिस थमा के 25 मार्च तक प्रतिउत्तर देने का निर्देश दिया।


अदालत द्वारा 17 मार्च को आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया की ईडी हिरासत पांच दिन बढ़कर के 22 मार्च तक कर दी गई थी। ईडी द्वारा मनीष सिसोदिया को नौ मार्च के दिन तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था। उन्हें 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 


के. कविता से भी एजेंसी ने की पूछताछ


तेलंगाना राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की विधान परिषद सदस्य के. कविता से प्रवर्तन निदेशालय ने तीसरे दिन मंगलवार को लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की है। एजेंसी पर अपने विरुद्ध आक्षेप लगाने का आरोप लगाते हुए कविता ने बताया है, कि वह इस प्रकार की कोई भी गलत धारणा को खारिज करने हेतु फोन जमा कर रही हैं, जो एजेंसी कथित रूप से बनाने की कोशिश कर रही है। 


साथ ही, आपको यह भी बतादें कि उन्होंने मामले की जांच अधिकारी को लिखे एक पत्र में बताया गया है, कि जनता को 'झूठे आरोप जानबूझकर लीक करने' से राजनीतिक रस्साकसी भी काफी बढ़ गई है। जिसमें उनके राजनीतिक विपक्षी लोग आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। कविता ने बताया है, कि ऐसी स्थिति में उन पर तथाकथित साक्ष्य मिटाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। जो कि उनकी छवि को धूमिल कर रहा है। उनको और उनकी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

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