भारत की 18वीं लोकसभा में ओम बिरला को एनडीए की तरफ से लोकसभा स्पीकर का उम्मीदवार नियुक्त किया गया है। सरकार के सहयोगी दलों ने बीजेपी नेता के नाम पर अपना समर्थन जताया है।
विपक्षी सांसदों ने सोमवार को संसद परिसर में इकठ्ठा हुए और शक्ति प्रदर्शन करते हुए 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन संविधान बचाओ के नारे लगाते हुए एक साथ लोकसभा की ओर मार्च किया। एनडीए नेताओं ने संविधान बचाओ मार्च निकालने के लिए विपक्षी सांसदों की कड़ी निंदा की है।
मार्च को लेकर भाजपा ने कहा कि देश भीड़तंत्र से नहीं चलेगा। राजग नेताओं ने कहा कि अब चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें इस बात पर विचार करना चाहिए कि राजनीतिक मामलों को खत्म कर देश को प्रगति के रास्ते पर कैसे ले जाया जाए।
भाजपा सांसद और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार थी, जिसने 25 जून, 1975 को आपातकाल लगाकर लोकतंत्र और संविधान की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज पूरे देश को याद दिलाया कि वे लोकतंत्र के हत्यारे हैं। उन पर शर्म आनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहा कि देश भीड़तंत्र से नहीं, बल्कि नियमों और कानूनों के अनुसार चलेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने देश और संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
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तेलुगू देशम पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि ऐसी राजनीति करना, ऐसी टिप्पणियां करना और उस दिन ऐसा माहौल बनाना सही नहीं है, जब नवनिर्वाचित सांसद अच्छे माहौल में शपथ लेना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि जब चुनाव संपन्न हो गए तो राजनीतिक मामले भी खत्म हो जाने चाहिए। अब देश को प्रगति के रास्ते पर कैसे ले जाएं और देश की सेवा कैसे करें, इस पर बातचीत होनी चाहिए।
नायडू ने कहा कि राजग सरकार विपक्ष को साथ लेकर लोगों के हित में उनके साथ काम करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम उनकी ¨चिंताओं को भी गंभीरता से लेंगे और यदि वे जन उन्मुख मुद्दे उठाएंगे तो उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे।