मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से विपक्ष क्यों बच रहा है ?

By :Admin Published on : 28-Dec-2023
मर्यादा


भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होने को लेकर विपक्षी दल आईएनडीआई गठबंधन में शामिल नेताओं की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। एक तरफ जहां सीपीएम शिवसेना (यूबीटी) एवं बहुत से दलों ने समारोह में शामिल न होने की बात कही है। वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है, कि प्रत्येक नागरिक को अपना फैसला लेने का अधिकार है।


अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही है। 22 जनवरी को आयोजित इस समारोह में शम्मिलित होने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से कांग्रेस सहित बहुत सारे विपक्षी नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अब तक किसी विपक्षी नेता ने इस समारोह में शिरकत करने के लिए प्रत्यक्ष तौर पर हामी नहीं भरी हैं। वहीं, सीपीएम जैसे राजनीतिक दलों ने समारोह में शामिल न होने की बात कह दी है। बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपने बयान में कहा है, कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे।


भाजपा देश के लोगों का ध्यान भटका रही है: संजय राउत 


केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए यूबीटी सेना के राज्यसभा सांसद ने कहा, "उनके (भाजपा) पास एक विज्ञापन प्रणाली है जिसके अनुसार वे काम करते हैं। वे चीजों का विज्ञापन करने में बहुत अच्छे हैं। अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन समारोह, बेरोजगारी, महंगाई, कश्मीर और मणिपुर जैसे मुद्दों से भारत के लोगों का ध्यान वास्तविकता से भटकाने का एक तरीका है।"


संजय सिंह ने कहा, यह सब राजनीति होती है, भाजपा के प्रोग्राम में कौन जाएगा। यह थोड़ी ही देश का राष्ट्रीय कार्यक्रम है। यह तो भाजपा की सभा, उत्सव, रैली है। इसमे पवित्रता कहां है। जब संजय राउत से पूछा गया कि क्या आप राम मंदिर जाएंगे तो उन्होंने कहा कि हम जरूर जाएंगे, लेकिन इस समारोह के पश्चात जाएंगे।


भगवान राम को लेकर क्या बोल गए संजय राउत? 


संजय राउत ने आगे कहा है, कि राम मंदिर आंदोलन के लिए शिवसेना ने खून दिया है। बालासाहेब ठाकरे एवं हजारों शिवसैनिकों ने इसमें योगदान दिया है। उन्होंने आगे कहा,"देश भर के विपक्षी नेताओं से यह क्यों पूछा जा रहा है कि उन्हें आमंत्रित किया गया है या नहीं। अगर यह कार्यक्रम मंदिर प्रशासन का होता तो राम मंदिर का समारोह अलग होता। वहां बीजेपी सत्ता में है। मुझे लगता है, कि भगवान राम का एक तरह से राम का अपहरण हो गया है।"


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