प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 से 25 जून तक अमेरिका एवं मिस्र के राजकीय दौरे पर रहेंगे। इस यात्रा के चलते भारत प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के मध्य रक्षा सह उत्पादन, सह विकास में करीबी सहायता के लिए रक्षा औद्योगिक सहयोग का खाका प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। साथ ही, इस भेंट से उभरते एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी समेत कई अहम क्षेत्रों में सहयोग के ठोस परिणाम सामने आने की भी उम्मीद है। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बारे में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को कहा कि यह दोनों देशों के संबंधों को लेकर मील का पत्थर है। यह एक महत्वपूर्ण यात्रा है।
उन्होंने कहा है, कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के चलते रक्षा औद्योगिक सहयोग खाका सामने आने की संभावना है। हम इस यात्रा को काफी गहराई एवं व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखते हैं और पाते हैं, कि इस यात्रा को लेकर अमेरिका में अत्यंत सकारात्मक रुचि है। हम नए क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध और लक्षित हैं, जो दोनों देशों और समाज को लेकर महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ दुनिया के लिए भी सकारात्मक योगदान देने की क्षमता वाले हैं।
प्रधानमंत्री की यात्रा में रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप, उभरते एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग व दूरसंचार, अंतरिक्ष, विनिर्माण क्षेत्र में संबंधों को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। यदि आप भारत-अमेरिका रक्षा गठजोड़ के परिदृश्य को देखें तो यह बेहद मजबूत और विविधतापूर्ण है। इसमें ऐसे समस्त तत्व हैं, जो इसे काफी अधिक महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसमें रक्षा सह उत्पादन और सह विकास से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हो सकती है।
प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के महत्वपूर्ण पहलुओं और रक्षा सहयोग के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश सचिव ने बताया है, कि भारत, अमेरिका के रक्षा सहयोग को एक सीमित नजरिए से देखने की जगह, इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारा सहयोग काफी व्यापक है। इसके कई महत्वपूर्ण एवं अभिन्न भाग हैं। इसके एक नए भाग पर हम काफी बल दे रहे हैं, कि भारत और अमेरिका के रक्षा उद्योग अपना द्विपक्षीय सहयोग कैसे बढ़ा सकते हैं।