अपने बयानों की वजह से मान हानि के आरोप के घेरे में आए कांग्रेस नेताराहुल गाँधी की संसद सदस्यता रद्द हो चुकी है। उसके बाद भाजपा उन पर खूब जमकर निशाना साध रही है। इसके चलते अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपना सरकारी आवास भी छोड़के जाना होगा। दरअसल, लोकसभा की हाउसिंग कमेटी द्वारा राहुल गाँधी जी को एक नोटिस भेजा है। इसमें 22 अप्रैल तक सरकारी आवास को खाली कर छोड़के जाने को कहा गया है। इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है, कि यदि राहुल गाँधी जी हमारे पास आएंगे तो हम उन्हें अपने घर में स्थान देंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है, कि "भाजपा राहुल गांधी को कमजोर करने का भरपूर प्रयास करेगी। वह अपनी मां के यहां जाकर रह सकते हैं या अगर हमारे पास आएंगे तो हम अपने घर में जगह देंगे। मैं सरकार के डराने, धमकाने वाले इस रवैये की निंदा करता हूं। ऐसा बहुत बार हुआ है कि सांसद 3-4 महीने बिना घर के रहे हैं। मुझे मेरा बंगला 6 महीने बाद मिला था। लोग दूसरों को नीचा दिखाने के लिए ऐसा करते हैं। मैं ऐसे रवैये की निंदा करता हूं।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने के नोटिस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि "यह घर उनका नहीं है, यह आम लोगों का है।"
इसी कड़ी में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस आने पर सवाल खड़े किए हैं। कपिल सिब्बल ने इस निर्णय को संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करार दिया है। सिब्बल ने ट्वीट के माध्यम से कहा है, कि ''राहुल गांधी को बंगला खाली करने को कहा गया है, उनकी अंतरात्मा छुट्टी पर चली गई है। ओछे लोगों की ओछी राजनीति।''