राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ हुआ भगवामय, वहीं तेलंगाना में कांग्रेस ने रचा इतिहास

By :Admin Published on : 04-Dec-2023
राजस्थान,

1. भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान की 199 में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है। यहां कांग्रेस को 69, वहीं बाकी पार्टियों अथवा निर्दलियों को समकुल 15 सीटें मिलीं। हार स्वीकार कर अशोक गहलोत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। इस चुनाव में भाजपा के 3 सांसद और कांग्रेस के 17 मंत्रियों की हार हुई है। दोनों पार्टियों के बड़े दिग्गज भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी हार गए। राजस्थान में 1993 से किसी भी पार्टी की सरकार रिपीट नहीं हुई है।


कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह पूर्वी राजस्थान में मिली हार है। जयपुर संभाग में 50 सीटों में से कांग्रेस ने 2018 में 34 सीटें जीती थीं। इस बार यह आंकड़ा काफी नीचे गिर गया। वहीं, भाजपा गहलोत की गारंटी के उत्तर में मोदी की गारंटी लेकर आई थी। पार्टी ने पेट्रोल की कीमत पर पुनर्विचार की बात कही। चुनाव के अंतिम में ओल्ड पेंशन स्कीम पर पुनर्विचार की बात कही। 


2. मध्यप्रदेश में BJP को दो तिहाई से ज्यादा बहुमत, कमलनाथ ने कहा- हम खामियों का विश्लेषण करेंगे


मध्यप्रदेश में भाजपा ने दो तिहाई से भी अधिक सीटें जीती हैं। पार्टी को 230 में से 163 सीटों पर जीत हांसिल हुई, वहीं कांग्रेस को 66 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। पूर्व CM और PCC चीफ कमलनाथ ने कहा है, कि पार्टी खामियों का विश्लेषण करेगी। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सतना से सांसद गणेश सिंह हार गए। दतिया से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सरकार के 11 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा।


ये खबर अहम क्यों है: भाजपा को इस चुनाव में महिला वोटर्स का साथ मिला है। इसमें लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हुई है। पार्टी ने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा समक्ष रखे बिना PM मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा। टिकट बंटवारे में सर्व प्रथम हारी हुई सीटों पर ध्यान केन्द्रित किया। इससे प्रत्याशियों को प्रचार का पर्याप्त समय मिला। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार निर्धारित करने में पिछड़ गई।


3. छत्तीसगढ़ में BJP को 54, कांग्रेस को 35 सीटें मिलीं; BJP से CM के लिए रमन सिंह की चर्चा


छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 54 पर, वहीं कांग्रेस को 35 सीटों पर जीत हांसिल हुई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बताया कि जनता ने कांग्रेस और CM भूपेश बघेल को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री के लिए रमन सिंह के नाम की चर्चा है। हालांकि, सूत्रों का कहना है, कि संघ की तरफ से CM पद के लिए नया नाम आगे बढ़ाया गया है।


ये खबर अहम क्यों है: चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव सट्‌टा ऐप से 508 करोड़ लेने के आरोप लगे। भाजपा ने PSC घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया है। सरकार के विरुद्ध एंटी इन्कम्बेंसी थी। यही कारण है, कि 9 मंत्री हार गए। वहीं, भाजपा ने सामाजिक और जातिगत समीकरण के अंतर्गत टिकट बांटे। नए तथा पुराने प्रत्याशियों का तालमेल रखा। 47 नए प्रत्याशी उतारे, जिनमें 30 जीते।


4. तेलंगाना में कांग्रेस सरकार, 119 में से 64 सीटें जीतीं, BRS को 39, भाजपा को 8 सीटें मिलीं


119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस ने 64 सीटें हांसिल की हैं, वहीं सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 39 सीटें मिली हैं। भाजपा को 8, AIMIM को 7 और एक सीट CPI के खाते में गई हैं। इधर, जीत के पश्चात अब पार्टी छोड़ने का भी सिलसिला जारी हो चुका है। भद्राचलम से BRS विधायक तालम वेंकटेश्वर राव ने देर रात कांग्रेस की सदस्यता हांसिल की है।


ये खबर अहम क्यों है: भाजपा के केवी रमना ने कामारेड्डी सीट पर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को पराजित कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और CM चेहरा रेवंत रेड्‌डी इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे। हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए तेलंगाना कांग्रेस ने विजयी विधायकों के लिए हैदराबाद के ताज होटल में कमरा बुक किया है।


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