लोकसभा चुनाव जैसे जैसे पास आता जा रहा है वैसे वैसे सियासी हलचल तेज होती जा रही है। सभी राजनैतिक पार्टियां चुनाव में बहुमत हांसिल करने के लिए जान फूंक रही हैं।
इधर आंकड़ों की बात करें तो भाजपा का ग्राफ काफी बढ़ता नजर आ रहा है। विपक्षी दलों के दिग्गज और प्रभावशाली नेता कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल का दामन थाम रहे हैं।
वहीं, भाजपा के सहयोग में कई स्थानीय पार्टियां NDA में शामिल हो रही हैं।
कांग्रेस से पिछले 2 दिन में 3 बड़े नेताओं ने किनारा किया है। पहला झटका बॉक्सर विजेंदर सिंह ने दिया है। कांग्रेस का हाथ छोडकर भाजपा का दामन थाम लिया है।
भाजपा में शामिल होने को लेकर विजिंदर सिंह ने कहा कि उनकी अब घरवापसी हुई है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि विजेंदर सिंह ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीति में कदम रखा था।
उन्होंनें कांग्रेस के टिकट पर दक्षिण दिल्ली से चुनाव लड़ा था। हालांकि, वो बीजेपी के रमेश बिधूड़ी से चुनाव हार गए थे। बिधूड़ी को 6 लाख 87 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।
वहीं, कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद प्रोफेसर गौरव वल्लभ अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं।
चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले उनका राजस्थान से जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन होने का आरोप लगाया था। वल्लभ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे।
महाराष्ट्र कांग्रेस में भी काफी सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने पार्टी विरोधी बयानबाजी पर संजय निरुपम को 6 साल के लिए बाहर कर दिया है।
हालाँकि, संजय निरुपम का कहना है, कि - मैंने खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उसके बाद पार्टी ने सस्पेंड करने का प्रेस नोट जारी किया।
वल्लभ ने लिखा, “जिस तरह से पार्टी आज दिशाहीनता की भावना के साथ आगे बढ़ रही है, मैं खुद को इसमें सहज नहीं पाता।
मैं न तो हिंदू विरोधी नारों का समर्थन कर सकता हूं और न ही दिन-ब-दिन देश के धन सृजनकर्ताओं का अपमान कर सकता हूं। इसलिए, मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।”