जंतर मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है, कि उनकी सरकार या विपक्ष से कोई लड़ाई नहीं है, उनकी लड़ाई केवल बृजभूषण शरण सिंह से है। साथ ही, उन्होंने मेडल वापस करने की बात भी कही है।
जंतर मंतर पर बुधवार देर रात हुई झड़प के बाद गुरुवार (4 मई) को पहलवानों ने सुबह प्रेस वार्ता की है। पहलवानों ने कहा कि उनकी लड़ाई सरकार या विपक्ष से नहीं है, उनकी लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह से है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहलवानों को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का भी साथ मिला।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के वक्त बजरंग पुनिया ने कहा है, कि यदि खिलाड़ियों की सुनवाई नहीं होती और न्याय नहीं मिलता है, तो ऐसे में हम मेडल और पुरस्कार सरकार को वापस कर देंगे। ऐसे मेडल का हम क्या करेंगे।
आंदोलन को जानबूझकर राजनैतिक रूप देने का प्रयास - पुनिया
पुनिया का यह भी कहना है, कि इस आंदोलन को जानबूझकर राजनीति से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा आंदोलन न्याय के लिए हैं और इसमें सभी का समर्थन मिल रहा है। पुनिया ने कहा कि हमारे पास तो कल पीटी उषा भी आई थीं।
पुनिया ने कहा कि पुलिस उनके ही इशारे पर काम कर रही हैं। जब से एफआईआर दर्ज हुई हैं, तब से ही हम लोगों को गाली दी जा रही है। इसे राजनीति और जाति से जोड़कर हमें कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
विनेश फोगाट ने लगाया गाली देने का आरोप
विनेश फोगाट ने कहा, मुझे गाली दी गई, पुलिस का व्यवहार आक्रमण वाला था। हमने बेड मंगवाया था, रात में ही पुलिस को शिकायत दे दी है। पुलिस वाला ड्रिंक कर रहा था। पुलिस वाला नशे में था। विनेश ने भी कहा कि वह अपना मेडल वापस करने के लिए तैयार हैं। विनेश ने यह भी कहा है, कि वह मेडल के साथ अपनी जान भी दे देंगी।
मान सम्मान की लड़ाई लड़ने आए और यहां पैरों तले रौंदे जा रहे - विनेश
विनेश फोगाट ने कहा, इतनी बेइज्जती कर दी है, कि अब कुछ भी नहीं छोड़ा है। मान-सम्मान की लड़ाई लड़ने आए थे और यहां पैरों तले रौंदे जा रहे हैं। यहां हमें मां-बहन की गालियां भी दी जा रही हैं।