जम्मू-कश्मीर में 10 वर्ष के बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों की बड़ी संख्या

By :Admin Published on : 10-Sep-2024
जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस बार के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों का अहम रोल रहने वाला है। पिछले चार दशक में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में ये निर्दलीय उम्मीदवार क्षेत्रीय दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों ने क्षेत्रीय दलों की नींद उड़ा दी है। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने में इन निर्दलीय उम्मीदवारों की बड़ी भूमिका होगी। 

आर्टिकल-370 हटाए जाने और 10 सालों के बाद जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा के चुनाव बेहद इंटरेस्टिंग बन चुके हैं, क्योंकि चार दशकों के लंबे अंतराल के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 

चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशियों की भरमार 

जम्मू-कश्मीर में निर्दलीय उम्मीदवारों की तादात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, अब तक घोषित कुल उम्मीदवारों में से 44% निर्दलीय हैं, जो चुनाव के बाद के परिदृश्य में संभावित किंगमेकर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। 

जम्मू-कश्मीर के राजनीति विशेषज्ञ मानते हैं, कि ये चुनाव इस लहजे से काफी खास और अहम है। क्योंकि दशकों के बाद ऐसा हुआ है जब चुनावी मैदान में इतनी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हुए हैं। 

यह लोकतंत्र का एक बड़ा संकेत है। जब वोट बंटेंगे तो जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने में इन निर्दलीय उम्मीदवारों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

अपनी पार्टी' के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के बयान की हुई सराहना  

'अपनी पार्टी' के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि निर्दलीय विधायकों का चुनाव लड़ना काफी अच्छी बात है। खासकर जमात-ए-इस्लामी का चुनाव लड़ना। 

हम चाहते हैं, वो सीट जीतकर लाएं ताकि उनपर लगा प्रतिबंध समाप्त हो जाए। बुखारी ने ये भी कहा, "हमने कहा है कि हम निर्दलीय उम्मीदवारों को एकजुट कर रहे हैं, लेकिन हम ये भी जानते हैं कि बहुत सारे प्रॉक्सी उम्मीदवार खड़े किये गये हैं।

दो चरणों में 214 स्वतंत्र उम्मीदवार चुनावी मैदान में 

जानकारी के लिए बतादें, कि पहले और दूसरे चरण के होने वाले चुनाव के लिए कुल 214 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का विकल्प चुना है। 

निर्दलीय उम्मीदवारों में जेल में बंद सांसद इंजीनियर अब्दुल रशीद शेख के नेतृत्व वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) से जुड़े उम्मीदवार भी शामिल हैं। 

खास तौर से एआईपी ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों में 26 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। 

हालांकि, एनसी और पीडीपी का आरोप है कि जेल में बंद शेख रशीद की एआईपी के उम्मीदवारों समेत समस्त निर्दलीय उम्मीदवार, जो ज्यादातर कश्मीर में चुनाव लड़ रहे हैं, भाजपा के प्रतिनिधि हैं। उमर और महबूबा दोनों ने लोगों को झांसे में ना आने की चेतावनी दी है। 

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