उत्तर प्रदेश में उपचुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। बहुजन समाज पार्टी के प्रभावशाली कद्दावर नेता पूर्व विधायक (मांट) और बसपा से पूर्व शिक्षा मंत्री पंडित श्याम सुंदर शर्मा को पार्टी ने अनुशासनहीनता व विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
मथुरा से बसपा के जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश कर्दम ने निष्काशन पत्र में लिखा कि पूर्व मंत्री श्यामसुंदर शर्मा को अनुशासनहीनता अपनाने के संबंध में कई बार चेतावनी भी दी गई, लेकिन उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ।
आखिरकार उन्हें निष्कासित कर दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की राजनीति में एक अलग ही पहचान रखने वाले पंडित श्याम सुंदर शर्मा 8 बार मांट विधानसभा सीट से विधायक और बसपा से एक बार यूपी के शिक्षा मंत्री में रह चुके हैं।
बड़े-बड़े दिग्गज भी पंडित श्याम सुंदर शर्मा के क्षेत्र में मोदी लहर में भी कमल नहीं खिला पाए थे।
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लेकिन, विगत यूपी विधानसभा 2022 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार राजेश चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था। बतादें, कि इससे पहले आजादी के बाद से ही मांट विधानसभा की सीट पर कोई भी स्थानीय जाट नेता विजयी नहीं हुआ।
मांट विधानसभा मतदाताओं के तौर पर जाट बाहुल्य होने के बाद भी अपने व्यवहार और सेवा से 40 वर्ष लोगों के दिल पर श्याम सुंदर शर्मा का राज रहा है।
बहुजन समाज पार्टी से लंबे समय तक जुड़े पंडित श्याम सुंदर शर्मा को आज बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
मथुरा में पंडित श्यामसुंदर शर्मा को राजनीति का चाणक्य माना जाता है। पंडित श्याम सुंदर शर्मा बहुजन समाज पार्टी से लगातार कई बार मांट विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और यही से वह बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मंत्री भी बने।
श्याम सुंदर शर्मा मांट विधानसभा सीट से 1989 में पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़े और उन्होंने जीत दर्ज की। वह 1991 और 1993 का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट से लड़कर विधायक बने।