C-295 विमान के निर्माण के तहत कुल 56 एयरक्राफ्ट के निर्माण की योजना हैं, जिनमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा डिलीवर किए गए हैं।
शेष बचे 40 का निर्माण भारत की धरती पर ही किया जाना है। दरअसल, पीएम मोदी द्वारा वडोदरा में टाटा के एयरक्राफ्ट कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया जा चुका है।
वड़ोदरा में स्थित इस टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स में सी-295 एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे।
साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के अंतर्गत डील हुई थी।
इस डील के अंतर्गत भारत को पिछले साल सितंबर को पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे।
40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया गया है।
सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है। यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है।
बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है। सैनिकों की आवाजाही के लिए यह सबसे बेहतर है।
C-295 एयरक्राफ्ट ढेरों खूबियों से लैस है। यह एयरक्राफ्ट 844 मीटर के रनवे से उड़ान भर सकता है जबकि लैंड करने के लिए सिर्फ 420 मीटर लंबे रनवे की जरूरत पड़ती है।
इस विमान में हवा में रिफ्यूलिंग की सुविधा है और यह लगाातर 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। C-295 पहाड़ी इलाकों के लिए पूरी तरह कारगर है।
C-295 एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमता के साथ नौ टन तक पेलोड ले जा सकता है। ये एक बार में 71 सैनिकों को ले जाया जा सकता है। यह
C-295 एयरक्राफ्ट विमान में दो इंजन हैं यह 482 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।
सी-295 एक इंजन के सहारे 13 हजार 533 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और दोनों इंजन काम करे तो यह 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकेगा।
C-295 एयरक्राफ्ट को उड़ान भरने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए होता है। उतरने के लिए मात्र 420 मीटर का रनवे चाहिए होता है।
इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह। दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन। या फिर इनबोर्ड पाइलॉन्स हो सकते हैं, जिसमें 800 kg के हथियार लगाए जा सकते हैं।
टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है। हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है।
वहां पर कई पार्ट्स को जमाएंगे। टाटा की हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी। इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत देश के लोगों ने यह सपना बुना था कि भारत में भी ऐसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट का निर्माण हो।
स्पेन के सहयोग से वडोदरा वायुसेना के लिए पावर सेंटर बनने जा रहा है। भारत में फाइटर प्लेन, टैक और सबमरीन के बाद ट्रांसपोर्ट प्लेन भी बनेंगे।
पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मंत्र के साथ यह प्लांट मेक फॉर द ग्लोब के मंत्र को भी साकार करेगा।