कैसरगंज में फंसा पेंच क्या भाजपा इस बार बृजभूषण का टिकट काट सकती है ?

By :Admin Published on : 09-Apr-2024
कैसरगंज

लोकसभा चुनाव की तिथि नजदीक आने के चलते सियासी हलचल तेज होने के साथ ही लोगों की निगाहें अब शेष 12 सीटों के भाजपा उम्मीदवारों पर टिकी हैं। 

बतादें, कि भाजपा ने अभी तक उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों जिनमें फिरोजाबाद, कैसरगंज, मैनपुरी, रायबरेली, गाजीपुर, बलिया, भदोही, मछलीशहर, कौशांबी, प्रयागराज, फूलपुर और देवरिया शामिल हैं। 

इन सभी 12 जिलों में भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। हालांकि, सूत्रों का मानना है, कि इन सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की वजह से उलझी हुई है। 

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के शेष सभी उम्मीदवारों की सूची अब रामनवमी के बाद ही जारी की जाएगी। भाजपा नेतृत्व शेष बची समस्त 12 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची एक साथ जारी करना चाहता है। लेकिन, कैसरगंज सीट को लेकर पेच फंसा हुआ है। 

भाजपा बृजभूषण को टिकट क्यों नहीं देना चाह रही ?

दरअसल, सांसद बृजभूषण हर हाल में इस सीट से चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं। परंतु, महिला पहलवानों से हुए विवाद को मंदेनजर रखते हुए पार्टी नेतृत्व उनके स्थान पर उनके परिवार के किसी सदस्य या उनके सुझाव पर किसी दूसरे को चुनाव लड़ाने को तैयार है।

भाजपा नेतृत्व का मानना है, कि यदि पार्टी ने बृजभूषण को टिकट दिया तो विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल जाएगा।

सूत्रों के अनुसार बृजभूषण के हठ को देखते हुए भाजपा नेतृत्व अब एमपी-एमएलए कोर्ट दिल्ली के फैसले की प्रतीक्षा कर रहा है। बृजभूषण के एक मामले में अंतिम सुनवाई होने वाली है। 

संभव है कि इसी दिन फैसला भी आ जाए। इसलिए नेतृत्व ने तय किया है कि कोर्ट का फैसला आने के बाद ही सभी 12 सीटों के उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी।

भाजपा ने बृजभूषण को टिकट का क्या प्रस्ताव दिया है ?

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व ने बृजभूषण की पत्नी या बेटे प्रतीक भूषण में किसी एक को टिकट देने का प्रस्ताव दिया है। फिलहाल, बृजभूषण इसके लिए तैयार नहीं हैं और उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया है। 

विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवारों का ऐलान भी साथ होगा 

लोकसभा की 12 सीटों के उम्मीदवारों की सूची के साथ ही उन चार विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की भी सूची जारी होगी, जिनपर उपचुनाव होने हैं। 

दरअसल, इनमें लखनऊ पूरब, ददरौल (शाहजहांपुर), गैसड़ी (बलरामपुर) और दुद्धी (सोनभद्र) शामिल हैं। इनमें तीन सीटों पर भाजपा जीती थीं। लेकिन, गैसड़ी में सपा ने जीत हांसिल की थी।

लखनऊ पूरब सीट विधायक आशुतोष टंडन और ददरौल विधायक मानवेंद्र सिंह के निधन की वजह से खाली हुई है। वहीं, एक मामले में सजा के पश्चात भाजपा विधायक रहे रामदुलार गोंड को अयोग्य करार दिए जाने के चलते दुद्धी सीट खाली हुई है।

लखनऊ पूर्वी सीट को लेकर सर्वाधिक असमंजस 

उप चुनाव वाले चारों विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तकरीबन तय हैं। केवल लखनऊ पूरब सीट को लेकर मामला फंसा हुआ है। 

इस सीट पर आशुतोष टंडन के छोटे भाई अमित टंडन चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं, पार्टी के प्रदेश के प्रवक्ता हीरो वाजपेयी की भी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। कई और लोगों ने भी दावेदारी कर रखी है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की सहमति के बाद ही किसी का नाम निर्धारित होगा। वहीं, ददरौल सीट से स्व. मानवेंद्र सिंह के बेटे अजय सिंह का चुनाव लड़ना सुनिश्चित माना जा रहा है। 

गैसड़ी सीट की बात की जाए तो यहां से पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह 'शैलू' और दुद्धी सीट पर विधायक रहे रामदुलार गोंड के बेटे को टिकट दिया जाना पक्का माना जा रहा है।

लोकसभा के साथ ही उप चुनाव कराए जाने की तैयारी है। ददरौल सीट पर चौथे चरण में 13 मई को, लखनऊ पूरब सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को, गैसड़ी सीट पर छठवें चरण में 25 मई को और दुद्धी सीट पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा।



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