चंपाई सोरेन को राज्य के मुख्यमंत्री पद से हटाने पर झारखण्ड में सियासी घमासान मच गया है। पूर्व सीएम और मंत्री चंपाई सोरेन की राहें अब बदल चुकी हैं। उनका कहना है, कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे बल्कि अब उन्होंने अपने जीवन का नया अध्याय प्रारंभ करेंगे।
मीड़िया से बातचीत के दौरान चंपाई ने कहा कि हम अपना संगठन (पार्टी) गठित करेंगे। हमारी विचारधारा जो है वैसी विचारधारा वाला कोई नया साथी मिलेगा तो उसके साथ आगे बढ़ेंगे। ये दो चीज करना है, जनता की यही मांग है।''
चंपाई ने कहा, ''दिल्ली में हम किसी BJP नेता से नहीं मिले हैं। अपने बच्चे और पोते से मिलने गए थे। आइने की तरह अपनी सोच और अपना विचार हमने जनता के सामने रख दिया है।
आदिवासी, दलित और गरीबों के लिए हम पहले से ही संघर्ष करते आ रहे हैं। आगे भी करेंगे, उनका हक अधिकार उन लोगों को हम जरूर दिलवाएंगे। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हमने जो बातें लिखी थी उसको हम दोहराना नहीं चाहते थे, नई शुरुआत हमने कर दी है।''
वहीं, JMM की तरफ से कहा जा रहा है, कि चंपाई हमारे सम्मानित नेता हैं। पार्टी में ही बने रहें। इस पर उन्होंने कहा कि हर आदमी का अपना अपना विचार है, JMM के नेताओं की जो भी सोच है, वो अच्छी है। विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पूरे झारखंड का दौरा करेंगे।
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जीतन मांझी एनडीए में स्वागत आपका कर रहे हैं। इसपर चंपाई ने कहा कि जो भी हमारे शुभचिंतक हैं। उनका शुक्रिया अदा करते हैं।
चंपाई के गांव के आदिवासियों का कहना है, कि चंपाई के साथ काफी अन्याय हुआ है। उनको अपमानित किया गया है। जबरदस्ती मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया गया।
चंपाई की वजह से झारखंड मुक्ति मोर्चा आगे बढ़ी है। अब विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को काफी हानि का सामना करना पड़ सकता है। चंपाई को मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहिए था।
आगे उनका जो भी कदम होगा उसका हम लोग समर्थन करेंगे। चाहे अपना पार्टी बनाएं या BJP के साथ जाएं। वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि वह BJP के साथ जाएंगे तो हम लोग समर्थन नहीं करेंगे।