चन्नी की अकाली दल में वापसी से बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता पार्टी में वापसी हेतु तैयारी कर रहे हैं

By :Admin Published on : 30-Nov-2023
चन्नी



पंजाब राज्य में विगत 5 से 6 वर्ष के दौरान शिरोमणि अकाली दल जालंधर में बेहद कमजोर सिद्ध हुआ है। विधानसभा चुनाव 2017 से पूर्व एवं उसके पश्चात बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ता बाकी राजनैतिक दलों में शम्मिलित हुए। हालांकि, अकाली विचारधारा से प्रभावित कार्यकर्ता अन्य दूसरे राजनीतिक दलों में घुटन का आभास करते रहे हैं और वापसी का रास्ता भी देखते रहे हैं।


शिरोमणि अकाली दल में सीनियर नेता गुरचरण सिंह चन्नी की वापसी के पश्चात पार्टी में नवीन सिरे से ध्रुवीकरण हो रहा है। पार्टी के विभिन्न सीनियर नेता वर्तमान में चन्नी से जुड़ने लगे हैं तो वहीं दूसरे राजनीतिक दलों में शम्मिलित हो चुके कार्यकर्ता पार्टी में वापसी की भी तैयारी कर रहे हैं।


प्रचार बोर्ड से सियासी चर्चा काफी बढ़ी है 


बतादें, कि इस ध्रुवीकरण की वजह शिरोमणि दल के जिला प्रधान एवं एसजीपीसी सदस्य कुलवंत सिंह मन्नण से जुड़े रहे कार्यकर्ता बड़ी तादात में गुरचरण सिंह चन्नी से संपर्क में हैं। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं के शहर में लगे प्रचार बोर्ड इसी तरफ संकेत कर रहे हैं। पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने जो प्रचार बोर्ड लगाए हैं, उनमें से बहुत सारे बोर्ड में तो जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण की फोटो तक नहीं लगाई है।


एक बड़ी तादात में नेता तथा कार्यकर्ता वापसी की तैयारी में 


विगत 5 से 6 वर्ष के दौरान शिरोमणि अकाली दल जालंधर में बेहद कमजोर साबित हुआ है। आगामी नगर निगम चुनाव में बड़ी गिनती में उम्मीदवारों की आवश्यकता रहेगी। यदि चन्नी कार्यकर्ताओं की वापसी करवा लेते हैं, तो पार्टी का आधार काफी मजबूत होगा। साथ ही, उम्मीदवारों की खोज भी पूरी हो जाएगी।


सीनियर नेताओं को चन्नी की वापसी से काफी राहत मिलेगी 


गुरचरण सिंह चन्नी की शिरोमणि अकाली दल में वापसी से पार्टी के सीनियर नेताओं को भी सहूलियत मिली है। चन्नी चुनावी मुहिम चलाने एवं कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ने में काफी माहिर माने जाते हैं। अब ऐसी स्थिति में विभिन्न विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले नेताओं को सहूलियत मिली है। क्योंकि, चन्नी के पास संगठन चलाने का बड़ा अनुभव है। जब पार्टी मजबूत होगी तो सभी नेताओं की चुनावी मुहिम को भी ताकत मिलेगी। हालांकि, इन सब के मध्य जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण के ग्रुप को भी पार्टी के साथ ही जोड़कर रखना चुनौती रहेगी। क्योंकि ध्रुवीकरण में एक गुट नाराज हो सकता है।


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