देश की राजधानी दिल्ली में भारी प्रदूषण की वजह से राज्य के लोगों का जीवन त्रस्त हो गया है। ऐसी स्थिति को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तर में वर्क फ्रॉम होम की नीति लागू करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली में प्रदूषण की वजह से सरकार ने फैसला लिया है, कि दिल्ली सरकार के 50% प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा प्रदान की जाए।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था, कि शहर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए घर से काम करने के उपायों और ऑड-ईवन योजना को लागू करने पर शीघ्र ही फैसला लिया जाएगा।
गोपाल राय ने कहा कि बच्चे और वरिष्ठ नागरिक सहित लोग सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमें इस स्थिति पर गहरा अफसोस है।
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उन्होंने कहा था कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार से गंभीर प्लस श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली के निजी और सरकारी कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम लागू करने को लेकर मंत्री ने कहा था कि इस पर हम जल्द ही निर्णय लेंगे।
सरकार ने पहले ही ग्रैप-IV के तहत वाहनों पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। हम इन उपायों के प्रभाव का विश्लेषण कर रहे हैं। इसके बाद राजधानी में वाहनों को ऑड-ईवन के फार्मूले से चलाने पर फैसला किया जाएगा।
गोपाल राय ने ये भी कहा था कि ‘ग्रैप’ को पूरे उत्तर भारत में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा शासित राज्यों में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर आपातकालीन बैठक बुलाने के संबंध में दिल्ली सरकार के लगातार अनुरोध के बावजूद भाजपा के पर्यावरण मंत्री सो रहे हैं।
मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से एक बार फिर प्रदूषण पर आपात बैठक बुलाने और कृत्रिम बारिश की अनुमति देने का अनुरोध करता हूं।