पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार केंद्र में खाली पड़े संयुक्त सचिव निदेशक और उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती (Lateral Entry) के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दरअसल, यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 जॉइंट सेक्रेटरी डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी।
भारत सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।
बतादें, कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी। सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल मचा।
कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण पर चोट कर रही है। इतना ही नहीं एनडीए के घटक दलों ने भी निर्णय की आलोचना की है।
भारत सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, कि एनडीए सरकार ने लेटरल एंट्री को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है। यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्तियां की जाएंगी। इस सुधार से प्रशासन में भी काफी सुधार होगा।