टाटा समूह को बुलंदी के नये आसमान तक पहुँचाने वाले और भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने वाले उद्योग जगत के महानायक रतन टाटा का निधन भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने कई ऐतिहासिक अधिग्रहण किए और समाज कल्याण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रतन टाटा की विरासत हमेशा प्रेरणादायक रहेगी, और उनका जाना देश को गहरे शोक में डाल गया है। बतादें, कि वर्तमान में टाटा ग्रुप की बागड़ोर अब एन चंद्रशेखरन के हाथों में है।
रतन टाटा एक भारतीय उद्योगपति और परोपकारी व्यक्ति थे, जिन्होंने 1990 से 2012 तक टाटा समूह और टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और फिर अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
रटन टाटा को उनकी सामाजिक सेवाओं के चलते 2008 में उन्हें भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला।
रतन को इससे पहले 2000 में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिला था। 9 अक्टूबर 2024 को आयु से जुड़ी बीमारियों के चलते उनका देहांत हो गया।
रतन टाटा टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के पुत्र रतनजी टाटा द्वारा गोद लिए पुत्र नवल टाटा के पुत्र थे। रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री कॉर्नेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर से हांसिल की थी। वह 1961 में टाटा में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया।
बाद में उन्होंने 1991 में जेआरडी टाटा के सेवानिवृत्त होने पर टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में स्थान प्राप्त किया। उनके कार्यकाल के दौरान, टाटा समूह ने टाटा को एक बड़े पैमाने पर भारत-केंद्रित समूह से वैश्विक व्यवसाय में बदलने के प्रयास में टेटली , जगुआर लैंड रोवर और कोरस का अधिग्रहण किया। टाटा एक परोपकारी व्यक्ति भी थे।
रतन टाटा एक विपुल, प्रवीण और दूरदर्शी निवेशक थे। रतन जी ने 30 से भी ज्यादा स्टार्ट-अप में निवेश किया, जिनमें से ज्यादातर व्यक्तिगत क्षमता में और कुछ अपनी निवेश कंपनी के माध्यम से किए गए। इतना ही नहीं रतन टाटा के लगभग सभी स्टार्ट-अप काफी बड़े स्तर पर सफल रहे हैं।
टाटा ने कभी शादी नहीं की और उनके कोई बच्चे भी नहीं थे। 2011 में उन्होंने कहा, "मैं चार बार शादी करने के करीब पहुंचा और हर बार मैं डर के मारे या किसी न किसी कारण से पीछे हट गया।"
टाटा को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था और 7 अक्टूबर 2024 से गहन देखभाल में थे। 9 अक्टूबर 2024 की रात को, 86 वर्ष की आयु में, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया।