जगदीश नौहवार और योगेश द्विवेदी भाजपा में हुए शामिल, एस के शर्मा की भी हुई घर वापसी

By :Admin Published on : 29-Apr-2023
जगदीश

भारतीय राजनीति में मथुरा जनपद के अंतर्गत आने वाली मांट विधान सभा अपने आप में एक अनोखी विधान सभा मानी जाती है। आप यह सोच रहे होंगे कि मांट विधान सभा अनोखी विधान क्यों है ? इसकी वजह यहां की जनता की सोच और विचार हैं, यहां के मतदाता हमेशा जाति, धर्म, मत, मजहब से उठकर के अपना मतदान देते हैं।


यहां के लोगों में किसी भी तरह की कोई संकीर्ण मानसिकता नहीं है। इसका प्रमाण यह है, कि मांट विधान सभा जाट बाहुल्य विधान सभा है। समकुल आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक जाट मतदाता हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी पंडित श्याम सुंदर शर्मा मांट विधान सभा से 7 बार लगातार विधायक रहे हैं। 7 बार विधायक रहने के दौरान वह कई बार तो निर्दलीय भी विधायक चुने गए हैं। इस बार हुए विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव में उतरे पंडित श्याम सुंदर शर्मा को बीजेपी उम्मीदवार राजेश चौधरी ने लगभग 8 हजार मतों से हरा दिया। 


समाजसेवी व उघोगपति एस के शर्मा हुए बीजेपी में शामिल 


अब हम बात करते हैं, एस के शर्मा के बारे में। समाजसेवी और उघोगपति एस के शर्मा ने 2017 में बीजेपी के झंडे तले मांट विधान सभा से चुनाव लड़ा था। जिसमें उनको पंडित श्याम सुंदर शर्मा ने पराजित कर दिया। उसके बाद वह जनता के बीच जाकर लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करने लगे। 5 साल तक उन्होंने मांट विधान सभा की जनता को खुश करने के लिए दिन रात एक कर दी। लेकिन 2022 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने उनकी टिकट काट कर राजेश चौधरी को थमा दी। अब ऐसे में स्वाभाविक बात है, कि उनको काफी भावनात्मक ठेस पहुंची होगी। 


टिकट कटने के बाद एस के शर्मा ने मीडिया को बताया कि भाजपा ने मुझे धोखे में रखा कि वह मुझे मांट विधान सभा से टिकट देगी। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने पूरी निष्ठा और लगन से पार्टी के लिए कार्य किया है। उसके बाद उन्होंने भाजपा से त्यागपत्र देकर बहुजन समाज पार्टी से मथुरा-वृंदावन विधान सभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन, इसमें भी उनको हार का सामना करना पड़ा। हालाँकि, अब एस के शर्मा फिर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं।    


जगदीश नौहवार ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की  


जगदीश नौहवार का राजनैतिक सफर काफी चिलचस्प रहा है। जगदीश नौहवार अपने बेबाक भाषण और स्पष्टता की वजह से अपनी अलग पहचान रखते हैं।     जगदीश नौहवार ने 2012 में सत्ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उन्होंने जनता में अपनी पकड़ और जगह बनाने का भरपूर प्रयास किया। 


जगदीश नौहवार ने 2017 के विधान सभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से मांट विधान सभा सीट के लिए टिकट मांगी। लेकिन, 2012 में सपा से चुनाव में उतरे प्रत्याशी संजय लाठर पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक अखिलेश यादव के बेहद करीबी होने की वजह से टिकट नहीं मिला। हालाँकि, जगदीश नौहवार को यह विश्वास था कि जनता उनके समर्थन में ही मतदान करेगी। इसलिए उन्होंने 2017 में मांट सीट से विधान सभा चुनाव कांग्रेस से टिकट लेकर लड़ा था। लेकिन, उनको हार का सामना करना पड़ा। जगदीश नौहवार समाजवादी पार्टी में रहने के दौरान शिवपाल यादव के बेहद करीबी हो चुके थे। लेकिन, परिवार में फूट पड़ने की वजह से शिवपाल यादव जगदीश नौहवार को टिकट नहीं दे पाए। 2017 के चुनाव के बाद शिवपाल यादव ने अपनी अलग राजनैतिक पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई। शिवपाल यादव से अच्छे संबंध होने की वजह से जगदीश नौहवार ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।                 


पंडित योगेश कुमार द्विवेदी भी बीजेपी में शामिल  


पंडित योगेश कुमार द्विवेदी बसपा मंडल प्रभारी रह चुके हैं। योगेश द्विवेदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी की टिकट पर हेमा मालनी के सामने चुनाव लड़ा था। लकिन, पराजय हांसिल हुई। उसके बाद 2017 में उन्होंने श्रीकांत शर्मा ऊर्जामंत्री के सामने विधान सभा का चुनाव लड़ा। मथुरा-वृन्दावन विधानसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद 2021 में पंडित योगेश द्विवेदी ने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण कर ली। हालाँकि, अब पंडित योगेश द्विवेदी बीजेपी में शामिल हो गए हैं।  


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