कर्नाटक विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को जनता का अच्छा खासा मतदान मिलने से नेताओं और कार्यकर्ताओं में एक खुशी की लहर देखने को मिल रही है। अब कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़ चल रही है। मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का नाम सबसे पहले आता है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के विरुद्ध ईडी और सीबीआई के मामले दर्ज हैं।
जैसा कि हम जानते हैं, कि कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत से विजय हुई है, जिसके दो ही हीरो बताए जा रहे हैं। इनमे पहले पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और दूसरे स्थान पर हैं पार्टी के लिए हनुमान की भूमिका अदा करने वाले डीके शिवकुमार। दरअसल, बहुमत हाँसिल होने के बाद से ही कर्नाटक में दोनों नेताओं के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। समर्थक अपने नेता को मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने लगे हैं। हालांकि, आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को ही लेना है। फिलहाल, सबसे ज्यादा चर्चा डीके शिवकुमार को लेकर ही हो रही है, जो लंबे अरसे से सीएम की कुर्सी पर बैठने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि, डीके को सीएम बनाना पार्टी के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए वो ताकतवर होने के बावजूद भी सिद्धारमैया से एक कदम पीछे ही खड़े नजर आ रहे हैं।
एक समय पर डीके शिवकुमार देवगौड़ा परिवार के लिए काफी खतरा बने हुए थे। डीके शिवकुमार इस बार के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के सबसे ज्यादा दावेदार व्यक्ति थे। बतादें, कि इन्होने सदैव पार्टी के लिए निष्ठा से कार्य किया है। जब कभी भी कांग्रेस पर संकट आया है, इन्होंने उससे उभरने के लिए अपना 100 प्रतिशत दिया है। हालाँकि, इन सब बातों के बावजूद भी कुछ ऐसी चीजें हैं, जो इनके मुख्यमंत्री बनने के बीच में आ रही हैं।
डीके शिवकुमार पर ईडी और सीबीआई के कई मामले दर्ज हैं
डीके शिवकुमार ने जब अपना सबसे पहला चुनाव लड़ा था। उस समय उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अपनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी थी। हालाँकि, इसके उपरांत डीके की संपत्ति में प्रतिवर्ष वृद्धि होने लगी है। वर्तमान में डीके शिवकुमार कर्नाटक के सबसे धनी नेताओं में शम्मिलित हैं। डीके के पास लगभग 1400 करोड़ से अधिक की संपत्ति मौजूद है। यही वजह रही है, कि वह केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आए। उनके विरुद्ध पूर्व में सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। जिसके उपरांत ईडी द्वारा भी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा केस दर्ज किया गया था।
डीके शिवकुमार के विरुद्ध विभिन्न मामले दर्ज
डीके शिवकुमार से सितंबर 2019 में ईडी ने पूछताछ करनी चालू की है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग चार दिन तक निरंतर पूछताछ के उपरांत डीके को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके उपरांत लगभग 50 दिन तक डीके शिवकुमार को जेल में रहना पड़ा था। उस समय सोनिया गांधी स्वयं डीके से मुलाकात करने जेल पहुंचीं थीं। जिसकी जानकारी उन्होंने विजय के उपरांत दी थी। उन्होंने तब सोनिया गाँधी से कहा था, कि वह कर्नाटक में पार्टी को विजय दिलाकर रहेंगे। वर्तमान में डीके शिवकुमार के विरुद्ध टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग एवं आय से अधिक संपत्ति के लगभग 19 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें से बहुत सारे मामलों में डीके पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इस कड़ी में ईडी द्वारा उनको पूछताछ के लिए की कई बार बुला भी चुकी है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने डीके शिवकुमार की याचिका को किया खारिज
साल 2019 में बीएस येदियुरप्पा सरकार द्वारा डीके शिवकुमार के विरुद्ध सीबीआई जांच को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार की ओर से की गई सिफारिश के उपरांत डीके के विरुद्ध सीबीआई ने आय से ज्यादा संपत्ति का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कराई। इसके उपरांत डीके कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचे और इस निर्णय को चुनौती देने लगे। उनका कहना है, कि सीबीआई जांच के लिए कर्नाटक सरकार का आदेश बिल्कुल गलत है। हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई सहूलियत नहीं मिली। चुनाव से ठीक पूर्व अप्रैल 2023 में हाईकोर्ट ने डीके की याचिका को खारिज कर दिया।