केजरीवाल सरकार द्वारा अस्थायी जेल बनाने का किया विरोध जानें क्या है वजह ?

By :Admin Published on : 13-Feb-2024
केजरीवाल

किसान एक बार फिर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की तैयारी पूर्ण कर ली है। 

किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर दिखना चालू हो गए हैं। वे अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं।

पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हो चुके हैं। साल 2021 के प्रदर्शन की तरह ही इस बार भी किसान अपनी मांगों के लिए विरोध पर उतरे हैं। 

किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अन्य कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्यों की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 

अपनी मांगों को लेकर पंजाब हरियाणा से दिल्ली के लिए कूच करने वाले किसानों के समर्थन में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार उतर आई है। केंद्र सरकार ने दिल्ली से अनुरोध किया है, कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए बवाना मैदान में अस्थाई जेल बनाई जाए। 

इस मांग को ठुकराते हुए केजरीवाल सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया है। दिल्ली सरकार ने बवाना में किसानों के लिए जेल बनाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं।

संविधान में हर किसी को शांतिपूर्ण मार्च का अधिकार- कैलाश गहलोत 

दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने खत में लिखा, किसानों की मांग जायज है। दूसरी बात ये कि संविधान के अनुसार हर नागरिक को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है। इसीलिए किसानों को गिरफ्तार करना गलत होगा।

कैलाश गहलोत ने आगे लिखा, केंद्र को तो किसानों को बातचीत का न्योता देना चाहिए और समस्या का उचित समाधान निकालना चाहिए। भारत के किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनके साथ ऐसा सलूक करना और उन्हें गिरफ्तार करना उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा। हम केंद्र के इस फैसले के भागीदार नहीं बन सकते।


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