केंद्र की वर्तमान सत्ताधारी बीजेपी सरकार के विरुद्ध समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव एवं बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती के सुर एक दूजे से मिलने लगे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा आईएएस एवं अन्य सेवाओं के अधिकारियों हेतु राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण बनाने से जुड़े अध्यादेश जारी किये जाने के उपरांत विपक्षी राजनैतिक दलों के सुर आपस में मिलने लगे हैं। बतादें, कि अखिलेश यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया। उसके बाद ही मायावती ने भी उनका समर्थन कर दिया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के समर्थन में क्या कहा है
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट किया,‘‘दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी।’’ उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा जानती है, कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीट पर उसकी करारी हार होगी, इसलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की हत्या है।’’
बसपा चीफ मायावती भी अखिलेश की हाँ में हाँ मिलाती नजर आईं
सपा प्रमुख अखिलेश के बाद बसपा प्रमुख मायावती की भी प्रतिक्रिया आई। बीएसपी चीफ भी सपा प्रमुख की हाँ में हाँ मिलाती नजर आईं। उन्होंने कहा, "केंद्र व दिल्ली सरकार में आपसी अविश्वास, असहयोग व टकराव से आम जनहित प्रभावित हो रहा है जबकि दिल्ली को इनके बीच आपसी सहयोग से विकास, जनहित व जनकल्याण की बेहतरीन मिसाल होना चाहिए। दोनों के बीच अन्तहीन टकराव दुखद है।"
जानें आखिर ये सब मसला क्या है
गौरतलब है, कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया गया। यह अध्यादेश आईएएस और दिल्ली, अंडमान निकोबार दीप समूह, लक्षद्वीप, दादर नगर हवेली और दमन दीव प्रशासनिक सेवा कैडर के अधिकारियों पर लागू किया जाएगा।
यह कदम उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था एवं भूमि से जुड़ी सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के एक सप्ताह के उपरांत उठाया गया है। केंद्र सरकार की इस कवायद के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष से समर्थन मांगा था, जिसके बाद अखिलेश यादव एवं मायावती के सुर एक दूजे से मिलते नजर आए।