खतरे में एकनाथ शिंदे की कुर्सी ! सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकीं नजरें, जानें क्या है मामला

By :Admin Published on : 26-Apr-2023
खतरे

आजकल महाराष्ट्र की राजनीती सरगर्मियों पर है। बीते दिनों शरद पवार जी के बयान से के बाद सभी बीजेपी से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट की तरफ से शिवसेना से बगावत करके महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया था। महाराष्ट्र राज्य के इस सत्ता संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जल्द फैसला आ सकता है।


महाराष्ट्र की सियासत में हड़कंप सा मच गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी पर भी खतरे के बादल छा गए हैं। यह माना जा रहा है, कि यदि मुख्यमंत्री शिंदे की कुर्सी जाती है। तब जयंत पाटिल, राधाकृष्ण विखे पाटिल, अजीत पवार, देवेंद्र फडणवीस और सुप्रिया सुले में से कोई एक इस कुर्सी पर विराजमान हो सकता है। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र में एक अनार और पांच बीमार जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं। महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अपना निर्णय किसी भी समय सुना सकती है। 


शिंदे की सीएम पद की कुर्सी पर टिकी नजर 


यदि कोर्ट का फैसला सीएम शिंदे के पक्ष में नहीं आया तो उनकी कुर्सी का रहना तय है। दरअसल, प्रदेश में कोर्ट का फैसला आने से पूर्व नेताओं एवं उनके समर्थकों का ध्यान शिंदे की सीएम पद की कुर्सी पर टिक चुकी है। विगत कुछ हफ्तों से पांच नेताओं को ही भावी मुख्यमंत्री बताया जा रहा है। साथ ही, इनके पोस्टर भी स्थापित किए जा रहे हैं। बतादें, कि पार्टी का नेतृत्व भले ही इसे कार्यकर्ताओं की भावना एवं उत्साह से बढ़कर कुछ और ना मानने की बात कह रहा हो। परंतु, सवाल यह है क्या यह होर्डिंग बगैर नेताओं के सहयोग और सलाह से लग रहे हैं?


सबको सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है  


एकनाथ शिंदे और 40 शिवसेना विधायकों की पार्टी से बगावत और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर दोनों पक्षों की बात सुनकर निर्णय सुरक्षित रख लिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है, कि इस हफ्ते कोर्ट स्वयं का निर्णय सुना सकता है। एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को विधानसभा के उपाध्यक्ष ने दिए निलंबन के नोटिस को एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट के अंदर चुनौती दी थी। 


एकनाथ शिंदे की कुर्सी जाएगी या बचेगी  


एकनाथ शिंदे ने 40 शिवसेना विधायकों के साथ की गई बगावत महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़ी बगावत कही जाती है। शिंदे के इस कदम और साहस ने उन्हें पीएम मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अत्यंत करीब पहुंचा दिया है। बीजेपी और शिंदे के समीपवर्ती सूत्रों का कहना है, कि शिंदे और अमित शाह के मध्य शानदार मेलजोल है। अब ऐसी स्थिति में शिंदे की छुट्टी होने की चर्चा बेशक राजनीतिक गलियारों में हो रही हो। परंतु, कोर्ट के निर्णय के उपरांत भी शिंदे को विधान परिषद का सदस्य बनाकर मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

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