पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने कमाल कर दिया है। कोरिया से मुकाबले में 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल हांसिल कर इतिहास रच दिया है। भारत ने इस मैच में कोरियाई निशानेबाजों को 16-10 से परास्त कर भारतीय ध्वज का परचम लहरा दिया है।
पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने बड़ा इतिहास रच दिया है। मनु की पिस्टल से निकली गोली ने भारत को एक और मेडल दिलाने का महान कार्य किया है। इसके साथ भारत के मेडल की तादात 2 हो गई।
साथ ही, वो आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु भाकर पहली भारतीय एथलीट भी बन चुकी हैं।
मनु-भाकर ने इससे पहले 28 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल के सिंगल्स इवेंट में भी ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना लगाया था। पेरिस में जीते अपने पहले ब्रॉन्ज के साथ ही मनु ने मेडल टैली में भारत का खाता खोला था।
साथ ही, अब पेरिस में मिली पहली कामयाबी के 48 घंटे बाद मनु भाकर ने एक और ब्रॉन्ज अपने नाम कर इतिहास रच ड़ाला है। वो आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन चुकी हैं।
ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरियाई जोड़ी के साथ मनु और सरबजोत का मुकाबला काफी आसान नहीं रहा है। इस मैच की शुरुआत कोरिया ने पहला सेट जीतकर की थी।
हालांकि, उसके बाद निरंतर 5 सेट मनु और सरबजोत ने जीते। कोरिया ने फिर से मैच में वापसी करने की कोशिश जरूर की लेकिन मनु और सरबजोत की एकाग्रता उन पर हावी हो गई और आखिर में मेडल भारत की झोली में गिरा।
इससे पहले मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने 29 जुलाई को 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए क्वालिफाई किया था। दोनों ने क्वालिफिकेशन राउंड में 20 परफेक्ट शॉट लगाए थे और उसके जरिए 580 अंक हांसिल किए थे।
पेरिस में मनु भाकर अपना दूसरा ओलंपिक खेल रही हैं। इससे पहले टोक्यो में जब उन्होंने ओलंपिक डेब्यू किया था, तो उन्हें वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा था।
टोक्यो में मनु भाकर की नाकामी की वजह उनका खराब खेल नहीं बल्कि पिस्टल में आई तकनीकी खराबी रही थी। टोक्यो में मिली असफलता के बाद मनु को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी।
लेकिन, अच्छी बात यह है, कि पेरिस से मनु भाकर खाली हाथ नहीं लौट रहीं हैं। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में खुद के साथ-साथ भारत के भी मेडल का अकाउंट भी खोल रखा है।