आजकल उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सियासी हलचल काफी चल रही है। प्रत्येक राजनैतिक दल अपने-अपने स्तर से विजय हांसिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। पूर्व में कई बार सबसे बड़े सूबे की मुख्यमंत्री रहीं बीएसपी की चीफ मायावती जी ने भी चुनाव से संबंधित अपने अहम फैसले की घोषणा की है। अटकलें लगाई जा रही हैं, कि इस फैसले का प्रत्यक्ष रूप से लाभ सपा प्रमुख अखिलेश यादव को होता दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। प्रत्येक पार्टी अपने-अपने प्रत्याशियों का नाम सुनिश्चित करने के साथ प्रचार अभियान भी तेजी के साथ शुरू करने लगी हैं। इसी कड़ी में बीएसपी चीफ मायावती ने हैरान करने वाला फैसला लिया है। जिसका प्रत्यक्ष रूप से लाभ अखिलेश यादव यानी समाजवादी पार्टी को हो सकता है।
मायावती ने चुनाव प्रचार करने से मना किया है
सूत्रों के मुताबिक इस बार निकाय चुनाव में मायावती की तरफ से चुनाव प्रचार नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय का सीधा फायदा समाजवादी पार्टी को होने की संभावना है। वास्तविकता में बीते कोलकाता अधिवेशन के उपरांत से पार्टी का विशेष ध्यान अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर रहा है। इसके लिए पार्टी द्वारा विशेष रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी सपा के खैमे में ही दिखाई दे रहे हैं, इस कारण से सपा के प्रयास कारगर होने की आशंका है।
भाजपा भी ओबीसी एवं अनुसूचित मतदाताओं पर विशेष ध्यान दे रही है
आपको बतादें, कि मायावती जी यदि चुनाव प्रचार नहीं करती हैं, तो अनुसूचित जाति के मतदाताओं को लेकर सपा की रणनीति सफल हो सकती है। हालाँकि, बीजेपी का भी सीधे तौर पर ध्यान ओबीसी और अनुसूचित मतदाताओं पर केंद्रित रहा है। भाजपा द्वारा इसके लिए विभिन्न स्थानों पर सम्मेलन किए हैं। साथ ही, बीजेपी अपनी सरकार की योजनाओं का भी हवाला दे रही है। बीजेपी के बताने के मुताबिक, सरकार की योजनाओं का फायदा प्रत्येक वर्ग को समानता के अनुरूप मिल रहा है।
परंतु, समाजवादी पार्टी के लिए विशेष बात यह है, कि खतौली एवं मैनपुरी उपचुनाव में उसकी अनुसूचित मतदाताओं वाली रणनीति सफल होती दिखाई दे रही है। सपा को इन दोनों ही सीटों पर अनुसूचित मतदाताओं का वोट मिला था। उसके कुछ समय उपरांत कोलकाता में हुए अधिवेशन के बाद अनुसूचित मतदाताओं के लिए विशेष रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। बतादें, कि निकाय चुनाव के चलते द्वितीय चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। उत्तर प्रदेश में 4 और 11 मई को मतदान होना है।