लोकसभा चुनाव के आंकड़े दिलचस्प है। 1962 से 2019 तक 15 नेता सबसे कम मतों से चुनाव जीतकर संसद तक पहुंच चुके हैं। इस सूची में कई नाम उत्तर प्रदेश के भी हैं।
किसी ने नौ तो किसी ने 26 मतों से जीत दर्ज की। 2019 में सबसे कम मतों से जीत दर्ज करने वाले भाजपा नेता का संबंध भी यूपी से है।
देश में अभी तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। हर चुनाव में दिलचस्प आंकड़े सामने आते हैं। आज आपको एक ऐसे ही दिलचस्प आंकड़ों के बारे में बताएंगे। देश के चुनाव इतिहास की सबसे बड़ी जीत अभी तक भाजपा के सीआर पाटिल के नाम दर्ज है।
2019 में पाटिल ने गुजरात की नवसारी लोकसभा क्षेत्र से 6,89,668 मतों के अंतर से चुनाव जीता था। मगर आज बात करेंगे उन प्रत्याशियों की जिन्होंने सबसे कम मतों से लोकसभा चुनाव जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया है।
कांग्रेस नेता कोनाथला रामकृष्ण और दिवंगत भाजपा नेता सोम मरांडी के नाम सबसे कम मतों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है।
1989 में कोनाथला कामकृष्ण ने आंध्र प्रदेश की अनकापल्ली लोकसभा क्षेत्र से सिर्फ नौ मतों से चुनाव जीता था। वहीं 1998 में सोम मरांडी ने राजमहल सीट सिर्फ नौ मतों से चुनाव जीता था।
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सत्यजीत सिंह गायकवाड़ ने 1996 में गुजरात के बड़ौदा से सिर्फ 17 वोटों से चुनाव जीता था। दिवंगत डीएमके नेता एमएस शिवसामी का नाम भी इस सूची में शामिल हैं।
उन्होंने 1971 में 26 मतों से लोकसभा चुनाव जीता था। 2014 लोकसभा चुनाव में सबसे कम 36 मतों से भाजपा प्रत्याशी थुपस्तान छेवांग ने सफलता हासिल की थी।