संविधान के आर्टिकल 105 (2) के अंतर्गत भारत के संसद में कही गई किसी भी बात के लिए कोई सांसद किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है। इसका मतलब है, कि सदन में कही गई किसी भी बात को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता है। परंतु, इसका मतलब यह नहीं है, कि सांसदों को संसद में कुछ भी बाेलने की आजादी मिली हुई है।
एक सांसद जो कुछ भी कहता है, वो लोकसभा में प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 के अंतर्गत स्पीकर के नियंत्रण में होता है। अर्थात संसद में कोई सांसद असंसदीय भाषा का उपयोग करता है तो उस पर स्पीकर को ही एक्शन लेने का अधिकार है। नियम 373 के अंतर्गत अध्यक्ष किसी सदस्य के आचरण में गड़बड़ी पाए जाने की स्थिति में उसे शीघ्र सदन से हटने का निर्देश दे सकता है।
पहली बार असंसदीय शब्दों की डिक्शनरी 1954 में जारी की गई
विश्व भर की सदन डिबेट के दौरान कुछ नियम एवं स्टैंडर्ड अपनाती हैं। ऐसे शब्दों अथवा फ्रेज जिनका इस्तेमाल सदन में करना अनुचित माना जाता है, उन्हें ही असंसदीय कहते हैं। अंग्रेजी, हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में इस तरह के हजारों शब्द और फ्रेज हैं, जो असंसदीय हैं। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के मुताबिक, असंसदीय शब्दों की डिक्शनरी पहली बार 1954 में जारी की गई थी। इसके बाद इसे 1986, 1992, 1999, 2004, 2009, 2010 में जारी किया गया। 2010 के पश्चात इसे प्रति वर्ष जारी किया जा रहा है। इस बार जारी बुकलेट में 1100 पेज हैं। यह लिस्ट लोकसभा-राज्यसभा के साथ ही विधानसभा की कार्यवाहियों के दौरान असंसदीय घोषित किए गए शब्दों को मिलाकर बनती है। इस असंसदीय शब्दों की डिक्शनरी काे 1999 में पहली बार किताब का स्वरूप दिया गया था।
अंग्रेजी के असंसदीय शब्द
Bloodshed, Bloody, Betrayed, Ashamed, Abused, Cheated, Chamcha, Chamchagiri, Chelas, Childishness, Corrupt, Coward, Criminal, Crocodile tears, Disgrace, Donkey, Drama, Eyewash, Fudge, Hooliganism, Hypocrisy, Incompetent, Mislead, Lie and Untrue
हिंदी के असंसदीय शब्द
शकुनि, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी, खून से खेती, जुमलाजीवी, अनार्किस्ट, गद्दार, गिरगिट, ठग, घड़ियाली आंसू, अपमान, असत्य, भ्रष्ट, काला दिन, कालाबाजारी, खरीद-फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागिरी, दोहरा चरित्र, बेचारा, बॉबकट, लॉलीपॉप, विश्वासघात, संविधानहीन, बहरी सरकार, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, उचक्के, अहंकार, कांव-कांव करना, काला दिन, गुंडागर्दी, गुलछर्रा, गुल खिलाना, गुंडों की सरकार, चोर-चोर मौसेरे भाई, चौकड़ी, तड़ीपार, तलवे चाटना, तानाशाह और दादागिरी।