पीएम मोदी ने किया टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन

By :Admin Published on : 28-Oct-2024
पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। 

पीएम मोदी ने उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ समय पहले देश ने महान सपूत रतन टाटा को खो दिया है। 

रतन टाटा आज हमारे बीच होते तो बहुत खुश होते हैं। आज भारत योजना को लेकर स्पीड से काम कर रहा है। योजना की प्लानिंग और उसे लागू करने में देरी नहीं होनी चाहिए। यहां से बना विमान दूसरे देश को भी दिया जाएगा।

भारत अब डिफेंस से संबंधित सामान बनाएगा- पीएम मोदी  

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज भारत में रक्षा निर्माण इकोसिस्टम नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस स्तर तक पहुँचना असंभव होता। 

उस समय कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर डिफेंस से जुड़े सामान का निर्माण हो सकता है, लेकिन हमने नए रास्ते पर चलने का फैसला किया, अपने लिए एक नया लक्ष्य तय किया और आज नतीजा हमारे सामने है। 

आगे उन्होंने कहा हमने रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्तार किया, सार्वजनिक क्षेत्र को कुशल बनाया, ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को सात बड़ी कंपनियों में बदल दिया, DRDO और HAL को मजबूत किया, यूपी और तमिलनाडु में दो बड़े डिफेंस कॉरिडोर बनाए। ऐसे कई फैसलों ने रक्षा क्षेत्र को नई ऊर्जा से भर दिया है"

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यह प्लांट निभाएगा अहम भूमिका- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आप सभी ने पिछले दशक में भारत के विमानन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि और परिवर्तन देखा है। 

इस प्लांट से मेड इन इंडिया विमानों का मार्ग खुलेगा। विभिन्न भारतीय एयरलाइंस कंपनियों ने 1200 नए विमानों के आदेश दिए हैं। 

यह कारखाना भारत और दुनिया की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए नागरिक विमानों के डिजाइन और निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने जा रहा है।

स्पेन के प्रेसिडेंट पेड्रो सांचेज ने प्लांट को लेकर कही बात 

मोजी ते हाज स्पेन के प्रेसिडेंट पेड्रो सांचेज ने कहा कि 1960 के दशक के अंत में, प्रतिभाशाली पाको डे लूसिया और महान भारतीय संगीतकार रवि शंकर संगीत के माध्यम से हम दोनों देशों को करीब लाए थे। 

शायद उन्हें तब इसका अहसास नहीं था, लेकिन वे संस्कृतियों के बीच एक पुल का निर्माण कर रहे थे जो भविष्य का रास्ता खोलेगा। 

एक ऐसा भविष्य जो इस प्रकार की परियोजना का चेहरा है। यह प्लांट औद्योगिक उत्कृष्टता का प्रतीक, विकास का इंजन और घनिष्ठ और बढ़ती दोस्ती का प्रमाण होगा। 

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