विपक्षी दलों की 12 जुलाई को शिमला में होने वाली बैठक से पहले ही मतभेद होने की आशंका

By :Admin Published on : 28-Jun-2023
विपक्षी


बिहार राज्य के पटना जनपद में बैठक के पश्चात विपक्षी दल आगे की रणनीति के उद्देश्य से अब शिमला में एकत्रित होने वाले हैं। परंतु, इस बैठक से एक प्रमुख पार्टी अनुपस्थित रह सकती है।


बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार के निमंत्रण पर 15 विपक्षी राजनैतिक दलों की बैठक हुई थी। इस बैठक के उपरांत 2024 को लेकर विपक्षी दलों की एकता का ढोल बड़े ही जोर-शोर से पीटा गया था। दावा किया गया था, कि बैठक में मोदी के विरुद्ध समस्त दल कॉमन एजेंडे पर आने को तैयार हैं। इस दौरान विपक्षी गठबंधन का नाम भी हवा में उड़ा दिया गया। आगे की रणनीति के लिए 12 जुलाई को अगली बैठक निर्धारित की गई है। परंतु, फिलहाल जो खबर सामने आ रही है, उसके विपक्षी दलों के मध्य आपस में सब ठीक नहीं है।


विपक्षी दलों की 12 जुलाई को बैठक होगी  


सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार 12 जुलाई को शिमला में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से पूर्व ही राजनैतिक दलों में मतभेद होने की खबर सामने आने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है, कि यदि कांग्रेस की ओर से अध्यादेश को लेकर अपनी स्थिति 12 जुलाई से पहले स्पष्ट नहीं की जाती है, तो ऐसी स्थिति में 12 जुलाई की बैठक में शामिल होने का कोई तात्पर्य नहीं रह जाता है।


कांग्रेस का अध्यादेश को लेकर क्या रवैया है 


सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है, कि कांग्रेस यदि शुरुआत में ही अहम मुद्दों पर बाकी विपक्षी दलों की बात नहीं मान रही तो ऐसी स्थिति में भविष्य को लेकर क्या ही आशा की जाए। गौरतलब है, कि पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के दौरान बहुत सारे दलों ने दिल्ली को लेकर लाए अध्यादेश का राज्यसभा में विरोध करने का भरोसा दिया। लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक रुख स्पष्ट नहीं किया गया है। इससे पूर्व कल मध्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भी विपक्षी दलों के गठबंधन पर हमला बोला था।


विपक्ष की अगली मीटिंग कॉमन एजेंडा पर शिमला में होगी 


पटना की बैठक के उपरांत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष की संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा था, कि हम एक कॉमन एजेंडा निर्धारित कर रहे हैं। फिलहाल, विपक्षी दल शिमला में 12 जुलाई को मिलेंगे। इसमें तय किया जाएगा कि आगे किस प्रकार से बढ़ना है। एकजुट होकर हमें 2024 की लड़ाई लड़नी है। साथ ही, राहुल गांधी ने कहा था, विपक्षी एकता एक प्रक्रिया है, जो यहीं से आगे बढ़ेगी। यह विचारधारा की लड़ाई है। थोड़े-थोड़े मतभेद अवश्य होंगे, परंतु हम साथ हैं।

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