राहुल गाँधी को सरनेम मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, संसद सदस्यता भी मिल सकती है

By :Admin Published on : 04-Aug-2023
राहुल

राहुल गाँधी पर लगे सरनेम से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गाँधी को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनको सजा देने पर रोक लगा दी है। 


मोदी सरनेम केस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत प्रदान की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए राहुल की सजा पर रोक लगाई है। जज ने राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा, कि हम सेशंस कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिलने पर कांग्रेस ने कहा, यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। सत्यमेव जयते-जय हिंद।


शिकायत करने वाले व्यक्ति का मूल सरनेम ही मोदी नहीं है 


राहुल गांधी के इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा हो रही थी। राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में तर्क देते हुए कहा कि स्वयं शिकायतकर्ता (पूर्णेश) का मूल सरनेम ही मोदी नहीं है। उनका मूल उपनाम भुताला है। फिर यह मामला कैसे बन सकता है। सिंघवी ने कोर्ट को ये भी बताया कि राहुल ने जिन लोगों का नाम लिया, उन्होंने केस नहीं किया। उन्होंने कहा, यह लोग कहते हैं कि मोदी नाम वाले 13 करोड़ लोग हैं। परंतु, ध्यान से देखा जाए तो समस्या केवल बीजेपी से जुड़े लोगों को ही हो रही है। 


राहुल गाँधी लोकसभा के 2 सत्र में शामिल नहीं हो पाए 


अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में राहुल का पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में मानहानि केस की अधिकतम सजा दे दी गई। इसका परिणाम यह होगा कि राहुल गांधी 8 साल तक जनप्रतिनिधि नहीं बन पाऐंगे। उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया हाईकोर्ट ने 66 दिन तक आदेश सुरक्षित रखा। राहुल लोकसभा के 2 सत्र में शम्मिलित नहीं हो पाए हैं। 


राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत 


राहुल पर आदेश लिखवाते हुए पीठ ने कहा, राहुल की अपील सेशंस कोर्ट में लंबित है, इसलिए हम केस पर टिप्पणी नहीं करेंगे। जहां तक राहुल की सजा पर रोक की बात है, ट्रायल कोर्ट ने राहुल को मानहानि की अधिकतम सजा दी है। लेकिन इसकी कोई विशेष वजह नहीं बताई गई। 2 साल की सजा के चलते राहुल जनप्रतिनिधित्व कानून के दायरे में आ गए अगर उनकी सजा कुछ कम होती तो उनकी सदस्यता नहीं जाती। इसमें कोई शक नहीं है, कि राहुल का बयान अच्छा नहीं था। सार्वजनिक जीवन मे बयान देते समय संयम बरतना चाहिए। ट्रायल कोर्ट के इस फैसले से राहुल के अलावा उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का अधिकार भी काफी प्रभावित हो रहा है। इसलिए हम सेशंस कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल की सजा पर रोक लगा रहे हैं। 

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