सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच बढ़ी तकरार

By :Admin Published on : 29-May-2023
सचिन

आजकल राजस्थान की राजनीति में काफी हलचल मची हुई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर बात-बात में निशाना साधते हुए बड़ा बयान दे दिया है। 


जयपुर: एक ओर जहां कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान में वह अपने नेताओं को एक मंच पर खड़ा करने में असफल होती दिखाई दे रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कद्दावर नेता सचिन पायलट के मध्य जुबानी जंग काफी बढ़ गई है। गहलोत ने एक बार पुनः बिना नाम लिए पायलट पर निशाना साधा है और पेपर लीक के सन्दर्भ में मुआवजे की मांग करने वालों को मानसिक रूप से दिवालिया करार दिया है।


अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा 


बता दें कि गहलोत पहले भी पायलट पर इस तरह के बयान दे चुके हैं, तो वहीं सिर्फ 4 दिन बाद ही पायलट के अल्टीमेटम की टाइमलाइन पूरी होने वाली है। पायलट ने अपनी तीन मांगें रखते हुए 15 मई को सरकार को अल्टीमेटम दिया था। वहीं, आज दिल्ली में राजस्थान चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियों को लेकर होने वाली कांग्रेस की मीटिंग टाल दी गई है। ऐसे में समझा जा सकता है कि राजस्थान कांग्रेस में टकराव किस हद तक आगे बढ़ चुका है।


अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर क्या कहा है 


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांकेतिक तौर पर सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए पेपर लीक पर मुआवजे की मांग करने को मानसिक दिवालियापन करार दे दिया। गहलोत ने कहा, ‘पेपर आउट हो गया इसलिए इनको मुआवजा मिलना चाहिए, इसको क्या बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? मुआवजा दो, दुनिया के इतिहास में इस तरह की कोई मांग की है क्या? पेपर आउट हो गया तो मुआवजा दो। कहीं पर जो बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए, उनको मुआवजा दो। क्या सरकार मुआवजा दे सकती है? ऐसी ऐसी मांगे की जाती हैं।’


मांगें पूरी ना होने की स्थिति में होगा बड़ा आंदोलन - सचिन पायलट   


बतादें कि जहां गहलोत अपनी ही पार्टी के नेता की बुद्धिमता पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, सचिन पायलट ने भी पार्टी के साथ-साथ सीएम गेहलोत को भी खुला अल्टीमेटम दे रखा है। दरअसल, 15 मई को जयपुर में पदयात्रा के समापन पर गहलोत सरकार के समक्ष तीन मांगें रखी थी- पेपर लीक पीड़ितों को मुआवजा, आरपीएससी का पुनर्गठन एवं वसुंधरा सरकार में हुए घोटालों पर कार्यवाही की जाए। सचिन पायलट विगत कई माह से इन तीन मुद्दों पर एक्शन की मांग कर रहे हैं। परंतु, फिलहाल 30 मई तक का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही, मांगें पूरी न होने की स्थिति में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।


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