सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा, अपनी पार्टी को ही लिया कटघरे में

By :Admin Published on : 17-Apr-2023
सचिन

सचिन पायलट द्वारा यह दावा किया गया था कि वसुंधरा राजे की सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। उन्होंने बताया है, कि उनकी शिकायत पर कोई भी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी।


मुलाकात से जुड़े काफी अंदाजे लगाए जा रहे हैं 


एक ओर यह देखा जा रहा है, कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एवं बाकी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। तो उधर सूत्रों के माध्यम से पीटीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है, कि कोई बैठक निर्धारित नहीं है। 


सचिन पायलट मामले से संबंधित मुलाकात के लिए दिल्ली पहुँच चुके हैं 


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट फिलहाल दिल्ली में ही हैं। एक दिन पूर्व उन्होंने राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने की मांग को लेके जयपुर में एकदिवसीय अनशन किया गया था। कहा जा रहा है, कि वह राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एवं बाकी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। 


सचिन पायलट ने सभी के स्नेह के लिए दिल से आभार'


सचिन पायलट द्वारा राजनीतिक हलचल के चलते एक वीडियो साझा किया गया है। इस वीडियो के अंदर हजारों लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है। उन्होंने लिखा 'आप सभी के स्नेह और सहयोग के लिए दिल से आभार'.


सचिन पायलट द्वारा कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ने की अटकलें 


सचिन पायलट द्वारा स्वयं की ही पार्टी के विरोध में मोर्चा खोलने के इस कदम से एक बार पुनः यह अनुमान बढ़ने लगा है, कि क्या सचिन पायलट कांग्रेस से हटकर नए पथ पर चलने वाले हैं? साथ ही, यह भी कि यदि पायलट कांग्रेस छोड़ते हैं, तो उनकी आगे क्या रणनीति होगी?


सचिन पायलट आखिर क्यों अनशन पर बैठे हैं 


सचिन पायलट का यह शिकवा है, कि अशोक गहलोत द्वारा बीजेपी सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की है। पायलट वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों की जांच करने का मुद्दा खड़ा कर रहे हैं। सचिन पायलट ने गहलोत के पुराने वीडियो चलाकर यह जानना चाहा है, कि इन मामलों की अच्छी तरह जांच क्यों नहीं की गई है। परंतु, कहा जा रहा है, कि वह वसुंधरा राजे की आड़ में राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साध रहे हैं। 


सचिन पायलट के लिए अब भी कांग्रेस हाईकमान का रवैय्या नरम 


सूत्रों के अनुसार, पार्टी हाईकमान का रवैया सचिन पायलट के लिए अभी भी सामान्य एवं नरम बना हुआ है। पार्टी द्वारा पायलट पर बड़ा निर्णय हो सकता है।  उनके कांग्रेस छोड़कर जाने के भी अंदाजे लगाए जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है, कि वह बीजेपी अथवा आप का हाथ पकड़ सकते हैं। उनके दिल्ली में जाकर बैठक के बाद ही बात साफ होगी।  


राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट के अनशन के उपरांत से राजस्थान से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमाई हुई है। क्योंकि, उन्होंने पूर्व की वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में किए गए कथित भ्रष्टाचार से जुड़ी अपनी ही सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उनका यह आरोप है, कि उनके द्वारा शिकायत करने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मामले पर किसी प्रकार की कोई सक्रियता नहीं बरती गई। पायलट वर्तमान में इस संबंध में कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। इसी मध्य वर्तमान में पायलट दिल्ली जाकर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा जी से मुलाकात करते हुए विवाद को निपटाने का प्रयास जरूर करेंगे। 


राजस्थान राज्य की राजनैतिक हलचल के मध्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भी बुधवार को कैबिनेट की बैठक की जानी है। रंधावा की ओर से जारी की गई चेतावनी से व‍िचलि‍त हुए बगैर पायलट धरने पर बैठे रहे थे। धरना स्‍थल पर काफी संख्या में पायलट समर्थक उपस्थित रहे। लेकिन पार्टी का कोई भी शीर्ष चेहरा अथवा कोई भी वर्तमान विधायक वहां दिखाई नहीं पड़ा था। सचिन पायलट द्वारा राजस्थान सरकार के विरुद्ध एक दिवसीय अनशन पर बैठने को लेकर फिलहाल हलचल भी काफी बढ़ गई है।  


आखिर यह सब प्रकरण है क्या 


सचिन पायलट ने कथित मामले के विषय में कहा था, कि 2013 में कांग्रेस की सरकार थी। उस वक्त हमने विपक्ष में रहते हुए भी वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार को प्रकाशित किया साथ ही जनता के समक्ष लेकर भी आए। हमने जनता से वादा करते हुए उनको आश्वश्त किया था, कि राजे कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामले की अच्छी तरह जांच करवाएंगे। उन्‍होंने एक वर्ष पूर्व सीएम गहलोत को चिट्ठी लिखी कि उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जाँच कराकर इन घोटालों को   जनता के सामने लाया जाए। परंतु इस सब के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। उन्होंने बताया था, कि सरकार द्वारा इन घोटालों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। 


सूत्रों के अनुसार, पार्टी हाईकमान का सचिन पायलट पर रुख आज भी नरम ही बना हुआ है। इसी बीच अंदाजे लगाए जा रहे हैं, कि वह कांग्रेस पार्टी छोड़ भी सकते हैं। पायलट किसी नवीन पार्टी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है, कि वह कमल खिलाएंगे अथवा झाड़ू चलाएंगे। उनकी  राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह से बैठक होने के उपरांत ही पता चलेगा।  


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